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देश के 11 शहरों में अरहर दाल की कीमतों में फिर उछाल

खाद्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक अरहर दाल फिर महंगी होने लगी है। 26 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच अरहर दाल 11 शहरों में पांच रुपये या उससे ज़्यादा महंगी हुई।
NDTV Profit हिंदीHimanshu Shekhar Mishra
NDTV Profit हिंदी08:25 PM IST, 07 Dec 2015NDTV Profit हिंदी
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देश के कई हिस्सों में सूखे के संकट पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान खूब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगे। अब चिंता इस बात को लेकर उठ रही है कि इस सूखे का असर खाद्य पदार्थों के उत्पादन पर पड़ना तय है, वो भी ऐसे वक्त पर जब सरकार पहले ही दाल की कीमतों को नियंत्रित करने की जद्दोजहद में जुटी है।

खाद्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक अरहर दाल फिर महंगी होने लगी है। 26 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच अरहर दाल 11 शहरों में पांच रुपये या उससे ज़्यादा महंगी हुई। अरहर दाल सिलिगुड़ी में सबसे ज़्यादा 25 रुपये प्रति किलो महंगी हुई, जबकि वाराणसी में 13 रुपये, कोटा में 15 रुपये, कानपुर में 10 रुपये और लखनऊ में 10 रुपये प्रति किलो महंगी हुई।

दिल्ली के साउथ एवेन्यू कॉलोनी के खुदरा व्यापारी अशोक खुराना कहते हैं, "हमें उम्मीद थी कि नवंबर के बाद अरहर दाल की नई फसल बाजार में आएगी और कीमतें घटेंगी। लेकिन हर रोज़ अरहर दाल 2-3 रुपये महंगी होती जा रही है...पता नहीं कीमतें कब थमेंगी।"

चिंता सिर्फ दाल तक सीमित नहीं है। कृषि मंत्रालय के पास मौजूद ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक गेहूं की फसल पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 56 लाख हेक्टेयर कम इलाके में बोयी गई है, जबकि चावल की फसल पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 2.45 लाख हेक्टेयर कम इलाके में बोयी गई है। यानी चावल और गेहूं दोनों का उत्पादन का घटना तय है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि पिछले साल बाज़ार में जितना चावल और गेहूं पहुंचा था, इस साल उससे कम पहुंचेगा।

उधर अरहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी से विपक्ष को सरकार पर फिर उंगली उठाने का मौका मिल गया है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि जब सरकार को पता था कि हर साल अरहर दाल की खपत कितनी है और पैदावार कितनी हुई है, तो मोदी सरकार ने ज़रूरत के मुताबिक आयात करने का फैसला क्यों नहीं किया। अगर राज्यों में हो रही जमाखोरी इसकी बड़ी वजह है तो बीजेपी-शासित राज्यों में दाल के दाम क्यों नहीं कम हो रहे हैं?

जाहिर है सरकार की कोशिशों के बावजूद फिर से अरहर दाल महंगी हो रही है। जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई और बड़े स्तर पर आयात के बावजूद कई शहरों में अरहर की कीमतें फिर बढ़ रही हैं। अब ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस संकट से कैसे निपटती है।

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