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रेल बजट से हिमाचल में उम्मीदों की पहाड़ सी उम्मीदें

मोदी सरकार के दूसरे रेल बजट से हिमाचल प्रदेश को काफी उम्मीदें हैं। खासकर कश्मीर के मुकाबले हिमाचल के पहाड़ी इलाकों तक रेल पहुंचाने की पिछड़ती योजनाओं को लेकर। अंग्रेज़ों के बनाए रेल ट्रैक को आज़ादी के बाद एक इंच भी आगे नहीं बढ़ाया जा सका है।
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NDTV Profit हिंदी08:31 PM IST, 25 Feb 2015NDTV Profit हिंदी
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मोदी सरकार के दूसरे रेल बजट से हिमाचल प्रदेश को काफी उम्मीदें हैं। खासकर कश्मीर के मुकाबले हिमाचल के पहाड़ी इलाकों तक रेल पहुंचाने की पिछड़ती योजनाओं को लेकर। अंग्रेज़ों के बनाए रेल ट्रैक को आज़ादी के बाद एक इंच भी आगे नहीं बढ़ाया जा सका है।

सर्दियों की बर्फ हो या गर्मियों से दूर ठिकाने की तलाश, देश और दुनिया के कोने-कोने से सैलानियों की चहेती ये कालका-शिमला रेल 112 साल की हो चुकी है। कालका-शिमला रेलवे को संयुक्त राष्ट्र से विश्व धरोहर का तमगा भी हासिल हो चुका है, लेकिन इस चलती का नाम गाड़ी का सफर आज़ादी के बाद थम गया, शिमला के आगे का रास्ता पहाड़ों में ग़ुम हो गया।


एक यात्री ने हाल कुछ यूं बयां किया, 'इतना अच्छा पिकनिक स्पॉट है ये पूरा इलाका, तो उस हिसाब से ट्रैन को बेहतर किया जाना चाहिए, लेकिन जैसा की आप देख रहे हैं, सब कुछ उसी टाइम का है, कुछ भी चेंज नहीं है, आज से 25-30 साल पहले मैं आया था तब भी ऐसा ही था, अब भी ऐसा ही है।'

पठानकोट के मैदानी इलाकों से कांगड़ा की वादियों को जोड़ने वाली ट्रेन की सेहत भी कुछ अच्छी नहीं है। इस ट्रैक को आगे मनाली और फिर लेह तक ले जाने की योजना रेल मंत्रालय की फाइलों में धूल खा रही है। एक दैनिक यात्री ने बताया की किराया ज़रूर कम है, लेकिन असुविधा ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि, 'इस ट्रैन में रास्ते में जाते-जाते ही इंजन बंद हो जाता हैं, और यात्रियों को काफी परेशानी होती है, इसका इंजन बदल कर नया लगाना चाहिए।'

पिछले रेल बजटों में हिमाचल के पहाड़ी इलाकों के लिए नए रेल रुटों का ऐलान किया गया। बिलासपुर-मनाली-लेह, अम्ब से कांगड़ा, धर्मशाला से पालमपुर और बद्दी से बिलासपुर, लेकिन इन परियोजनाओं पर या तो काम शुरू ही नहीं हुआ या फिर बेहद सुस्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि, 'पिछले बजट में जो थोड़े समय के लिए आया था, कुछ नई सर्विस की घोषणा हो गई थी और हमें आशा है कि नांगल रेलवे लाइन को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। मनाली लेह लाइन को पूरा करने के लिए काम शुरू किया जाएं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मुताबिक, 'हिमाचल के मध्य से एक ब्रॉड गेज रेलवे की लाइन बने। उससे न केवल व्यापार बढ़ेगा, लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी बल्कि टूरिज्म भी बढ़ेगा।'

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