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रेल बजट को समझने के लिए ये 10 बातें क्यों हैं जरूरी

आम बजट को लेकर तो कई-कई दिन तक अपेक्षाएं और विश्लेषण चला करते हैं, लेकिन रेल बजट पर इतना तबसरा नहीं किया जाता। फिर भी रेल बजट का महत्व कम नहीं है, सो, आइए आपको बताते हैं, वे 10 संख्याएं, जिन्हें जानना ज़रूरी है, अगर आप रेल बजट को समझना चाहते हैं...
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NDTV Profit हिंदी09:21 AM IST, 26 Feb 2015NDTV Profit हिंदी
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नई दिल्ली : रेलमंत्री सुरेश प्रभु गुरुवार को अपना पहला बजट पेश करने जा रहे हैं, जो आमतौर पर आम बजट के मुकाबले कम चर्चित रहा करता है, क्योंकि आम बजट को लेकर तो कई-कई दिन तक अपेक्षाएं और विश्लेषण चला करते हैं, लेकिन रेल बजट पर इतना तबसरा नहीं किया जाता। फिर भी रेल बजट का महत्व कम नहीं है, सो, आइए आपको बताते हैं, वे 10 संख्याएं, जिन्हें जानना ज़रूरी है, अगर आप रेल बजट को समझना चाहते हैं...

  1. दो करोड़ 30 लाख : यह उन यात्रियों की संख्या है, जिन्हें भारतीय रेल रोज़ाना ढोती है... यह पूरे ऑस्ट्रेलिया की आबादी को लाने-ले जाने जैसा है... इसके लिए रेलवे देशभर के 7,172 स्टेशनों को जोड़ते हुए रोज़ाना 12,617 सवारी गाड़ियां चलाता है...
  2. 26,000 करोड़ रुपये : यात्री किरायों में सब्सिडी के चलते रेलवे को प्रतिवर्ष होने वाला घाटा...
  3. 67 प्रतिशत : रेलवे की आय में माल भाड़े का हिस्सा... सभी प्रकार के साधनों से ढोए जाने वाले माल में रेलवे की हिस्सेदारी वर्ष 1950-51 के 89 फीसदी की तुलना में अब घटकर 31 फीसदी रह गई है, क्योंकि एक के बाद एक पूर्ववर्ती सरकारें माल भाड़े की कीमत पर यात्री किरायों में सब्सिडी देती चली गईं... वैसे, रेलवे रोज़ाना 26.5 लाख टन माल ढुलाई करता है...
  4. 1.40 लाख करोड़ रुपये (23 अरब अमेरिकी डॉलर) : रेलवे का प्रतिवर्ष राजस्व, जो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन तथा ओएनजीसी जैसी अन्य सरकारी कंपनियों से भी कम है...
  5. 1.82 लाख करोड़ रुपये : यह वह रकम है, जिसकी ज़रूरत रेलवे को सभी 359 पेंडिंग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए है... पिछले 30 सालों में मंजूर की गई 676 परियोजनाओं में से सिर्फ 317 पूरी हो पाई हैं, जिन पर 1.58 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं...
  6. 94 प्रतिशत : यह रेलवे का परिचालन अनुपात है, यानि परिचालन के जरिये कमाए गए प्रत्येक रुपये में से रेलवे मात्र छह पैसे बचा पाती है, जिसकी वजह से विस्तार के लिए ज़्यादा धन नहीं बचता...
  7. छह लाख करोड़ रुपये (100 अरब अमेरिकी डॉलर) : अगले तीन-चार वर्ष में निवेश के लिए रेलवे को यह रकम चाहिए...
  8. 50,000 करोड़ रुपये : यह वह रकम है, जिसकी मांग रेलवे बजटीय सहायता के रूप में केंद्र से कर सकता है... यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधे फीसदी से भी कम है...
  9. 200 किलोमीटर : आज़ादी के बाद से प्रत्येक वर्ष औसतन इतनी लंबाई हमारे रेलवे नेटवर्क में जुड़ती रही है... पिछले 67 सालों में मात्र 13,000 किलोमीटर रेल रूट जोड़ा गया है, और अब यह 64,460 किलोमीटर है, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल रूट है, लेकिन यह चीन के एक लाख किलोमीटर से ज़्यादा रेल रूट की तुलना में काफी कम है...
  10. 13.1 लाख : यह रेलवे के कुल कर्मचारियों की संख्या है, जिसकी बदौलत भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है...
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