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राज्यों के साथ संयुक्त उपक्रम में शुरू होंगी रेलवे की 60,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाएं

रेलवे की ओर से 60,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जाने वाली 40 परियोजनाओं के व्यय में भागीदारी के लिए अभी तक 16 राज्यों ने हामी भरी है. इससे नई रेललाइनें बिछाने के काम में तेजी आएगी और स्टेशनों के विकास सहित अन्य परियोजनाएं भी शीघ्र पूरी होंगी.
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NDTV Profit हिंदी12:30 PM IST, 04 Dec 2016NDTV Profit हिंदी
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रेलवे की ओर से 60,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जाने वाली 40 परियोजनाओं के व्यय में भागीदारी के लिए अभी तक 16 राज्यों ने हामी भरी है. इससे नई रेललाइनें बिछाने के काम में तेजी आएगी और स्टेशनों के विकास सहित अन्य परियोजनाएं भी शीघ्र पूरी होंगी.

रेलवे ने परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए बजट में मिले अनुदान से ज्यादा संसाधन जुटाने के लक्ष्य से कई कदम उठाए हैं.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘‘रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर रेल परियोजनाओं में साझेदार बनने को कहा है. अभी तक 16 राज्य रेलवे की 62,379 करोड़ रूपए की लागत से तैयार होने वाली 43 परियोजनाओं की लागत में भागीदारी के लिए आगे आए हैं.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें परियोजनाओं की 25 फीसदी से 66 फीसदी लागत वहन कर रही हैं.

इन परियोजनाओं का तीव्र क्रियान्वयन राज्य सरकारों से मिली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा क्योंकि कुछ राज्य इन परियोजनाओं के लिए मुफ्त में जमीनें दे रहे हैं.

रेलवे नयी लाइनें बिछाने तथा पुरानी लाइनों को दोहरा करने के अलावा स्टेशनों के विकास कार्यक्रम पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि यात्री सुविधाओं को बढ़ाया जा सके.

अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य स्टेशनों पर बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराना है और ओडिशा, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अपने-अपने क्षेत्र में स्टेशनों को विकसित कर अत्याधुनिक बनाने के इच्छुक हैं.

छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, केरल और ओडिशा सरकारों ने रेल परियोजनाओं के लिए राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त उपक्रम कंपनियां बनाने के लिए समझौता किया है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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