रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि उनके विभाग की ओर से किए गए एक विश्लेषण में पाया गया है कि‘‘ लेओवर टाइम’’ में कटौती करके छोटे मार्गों पर100 से ज्यादा नई ट्रेनें चलाई जा सकती हैं.
‘‘लेओवर टाइम’’ को किसी ट्रेन के अपने प्रारंभिक स्टेशन से रवाना होने से पहले या अंतिम स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसके ठहराव के समय के तौर पर परिभाषित किया जाता है. यहां 58 वें राष्ट्रीय लागत सम्मेलन में गोयल ने कहा, ‘‘ विश्लेषण में पाया गया है कि छोटे मार्गों पर लंबे समय तक ठहरने वाली ट्रेनों का इस्तेमाल कर 100 से ज्यादा नई ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं.’’
केंद्रीय मंत्री ने हजरत निजामुद्दीन और आगरा के बीच चलने वाली उच्च गति वाली गतिमान एक्सप्रेस का उदाहरण दिया. इस ट्रेन को अब ग्वालियर तक चलाने का फैसला किया गया है. फिर इसका विस्तार झांसी तक किया जाएगा जिससे उसके ठहराव के समय में कटौती होगी. उन्होंने कहा कि गतिमान एक्सप्रेस की सेवा में विस्तार किए जाने से बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों को फायदा भी हुआ और कोई अतिरिक्त लागत भी नहीं चुकानी पड़ी.
रेल मंत्री ने कहा कि विश्लेषण का ब्योरा जल्द ही घोषित किया जा सकता है. लागत लेखाकारों (कॉस्ट एकाउंटेंट्स) और लागत निर्धारण (कॉस्टिंग) की भूमिका पर गोयल ने कहा कि भारत में व्यापार और कामकाज करने के बेहतरीन प्रतिस्पर्धी लाभ प्राप्त करने में देश को लागत प्रतिस्पर्धी बनाने में उन्हें अहम भूमिका निभानी है. उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में भी लागत लेखाकारों को बड़ी भूमिका निभानी है.
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