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टाटा संस का विश्वास गंवाने के कारण साइरस मिस्त्री को हटाया गया : रतन टाटा

टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने बुधवार को समूह की कंपनियों के शेयरधारकों से कहा कि उनके निदेशक मंडल में साइरस मिस्त्री के बने रहना उनमें खलल पैदा करने वाला होगा, जिसका इन कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है.
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NDTV Profit हिंदी11:22 PM IST, 07 Dec 2016NDTV Profit हिंदी
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टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने बुधवार को समूह की कंपनियों के शेयरधारकों से कहा कि उनके निदेशक मंडल में साइरस मिस्त्री के बने रहना उनमें खलल पैदा करने वाला होगा, जिसका इन कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है.

रतन टाटा ने यह बात ऐसे समय में कही है, जबकि समूह की छह प्रमुख कपंनियों के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठकें होने वाली हैं, जिनमें मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा.

टाटा संस के चेयरमैन पद से मिस्त्री को अक्तूबर में अचानक हटा दिया गया था और उनकी जगह पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को अंतरिम चेयमैन बनाया गया है.

रतन टाटा ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के लिए टाटा संस द्वारा लाए गए विशेष प्रस्ताव पर शेयरधारकों से समर्थन मांगा है. इसमें टाटा ने कहा है कि टाटा संस ने मिस्त्री और टाटा समूह का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर विश्वास खो दिया था, इसलिए उन्हें चेयरमैन के पद से हटाया गया.

शेयरधारकों को रतन टाटा का पत्र...



उन्होंने कहा है कि टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को हटाने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उनके साथ रिश्ते खराब होते जा रहे थे और इनको ठीक करने के प्रयासों को नजरअंदाज किया गया.

रतन टाटा ने कहा है कि मिस्त्री को समूह की विभिन्न कंपनियों में निदेशक केवल इसीलिए बनाया गया था, क्योंकि वे टाटा संस के चेयरमैन हैं. उन्होंने कहा है, 'उनके लिए सही कदम यही होता कि वे निदेशक पद से इस्तीफा दे देते. चूंकि उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो कंपनियों के निदेशक मंडल में मिस्त्री के बने रहने का प्रभाव खलल पैदा करने वाला होगा, जिसका इन कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है, खासकर इसलिए क्योंकि प्राथमिक प्रवर्तक टाटा संस का वह खुला विरोध कर रहे हैं'.

अपने पत्र में टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन पद से मिस्त्री को हटाने के फैसले का बचाव किया है और इसे उचित ठहराया है। टाटा ने लिखा है, 'टाटा संस ने मिस्त्री और टाटा समूह का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर विश्वास खो दिया था'. रतन टाटा ने शेयरधारकों से कहा कि मिस्त्री को चेयरमैन के पद से खुद हटने का मौका दिया गया था, पर वह नहीं माने. मिस्त्री खेमे से इस बारे में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.

उल्लेखनीय है कि देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा समूह में नेतृत्व को लेकर मिस्त्री व रतन टाटा खेमे में खींतचान चल रही है. टीसीएस की असाधारण आम बैठक 13 दिसंबर को, इंडियन होटल्स की 20 दिसंबर, टाटा स्टील की 21 दिसंबर, टाटा मोटर्स की 22 दिसंबर, टाटा केमिकल्स की 23 दिसंबर व टाटा पावर की असाधारण आम बैठक 26 दिसंबर को होगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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