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मौद्रिक समीक्षा में यथास्थिति कायम रख सकता है रिजर्व बैंक

मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के मद्देनजर रिजर्व बैंक मंगलवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता हैं।
NDTV Profit हिंदीReported by Bhasha
NDTV Profit हिंदी12:50 PM IST, 31 Jan 2016NDTV Profit हिंदी
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मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के मद्देनजर रिजर्व बैंक मंगलवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 2016-17 के बजट के बाद ही नीतिगत दरों में किसी तरह का बदलाव करेगा। बजट वृहद आर्थिक मानदंडों मसलन राजकोषीय घाटे आदि के मोर्चे पर स्थिति स्पष्ट करेगा।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों की यह भी राय है कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट से पहले भी ब्याज दरों में कटौती का मामला बनता है। यस बैंक के प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा, 'हम ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर सकते हैं। विचार विमर्श की गुंजाइश बनती है। लेकिन आंकड़ों के बिंदु पर बजट के बाद विचार विमर्श बेहतर होगा।'

सिटी की रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक बजट तक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा। इस साल अप्रैल में यह ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की और कटौती कर सकता है। केंद्रीय बैंक अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा 2 फरवरी को पेश करने जा रहा है। इसी तरह डीबीएस की रिपोर्ट में भी अनुमान लगाया गया है कि मंगलवार को मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा।

एचएसबीसी का मानना है कि आगामी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में बदलाव नहीं होगा। केंद्रीय बैंक इस मोर्चे पर किसी तरह के बदलाव से पहले बजट में पेश राजकोषीय रूपरेखा का इंतजार करेगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक अप्रैल से जुलाई की अवधि में नीतिगत दरों में कटौती करेगा। वहीं बोफा मेरिल लिंच का मानना है कि रिजर्व बैंक फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में चौथाई फीसद की कटौती करेगा।

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