भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे किसी भी रूप में सोना खरीदने के लिए ऋण नहीं दें।
बैंक अब प्राइमरी गोल्ड, सर्राफा या आभूषण सहित किसी भी रूप में सोने को खरीदने के लिए ऋण नहीं देंगे। केंद्रीय बैंक ने यह कदम लोगों को किसी सटोरिया गतिविधि में शामिल होने से बचाने के लिए उठाया है।
केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है... 'सलाह दी जाती है कि बैंक द्वारा किसी भी रूप में सोना खरीदने के लिए ऋण नहीं दिया जाना चाहिए।'
सोने के जिन रूपों का अधिसूचना में उल्लेख किया गया है उनमें प्राइमरी गोल्ड, सोना सर्राफा, सोना आभूषण, सोना सिक्का, सोना ईटीएफ इकाई तथा सोना म्यूचुअल फंड इकाई है।
हालांकि इसमें कहा गया है कि बैंक जौहरियों की उचित क्रियाशील पूंजी जरूरतों के लिए धन दे सकते हैं।
केंद्रीय बैंक ने सोने के आयात में हाल ही में आई अच्छी खासी बढोतरी को देखते हुए यह कदम उठाया है। इसके चलते चालू खाता घाटे पर दबाव बढ़ रहा था।
वित्तवर्ष 2011-12 में भारत का सोने का आयात 60 अरब डॉलर मूल्य का रहा जबकि मात्रा 1,067 टन रही।