आरबीआई ने आज मौद्रिक समीक्षा के तहत रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, ऐसे में अब रेपो रेट घटकर 7.25 फीसदी हो गया है। साथ ही रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है। हालांकि आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है। लिहाजा सीआरआर 4 फीसदी पर ही बरकरार रहेगा। अब लोग उम्मीद कर सकते हैं कि उनके होम लोन की दरें कुछ कम होंगी।
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। रेपो रेट में कमी से बैंकों को कम ब्याज देना पड़ता है और बैंकों का ब्याज कम होने से आम लोगों को फायदा होता है।
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रिजर्व बैंक ने मॉनसून की अनिश्चितता के चलते अनुमानित जीडीपी को 7.8% से घटाकर 7.6% कर दिया है। इसके साथ ही महंगाई के अनुमान में भी बढ़ोतरी की है। जनवरी 2016 तक महंगाई दर का अनुमान 5.8 फीसदी से बढ़ाकर आरबीआई ने 6 फीसदी कर दिया है।
गौरतलब है कि आरबीआई ने जनवरी और मार्च 2015 में नियत समय से अलग हटकर दो बार दरों में कटौती की, जिसके बाद रेपो दर अभी 7.5 फीसदी थी।
फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को जस-का-तस छोड़ दिया गया था। अप्रैल में रेपो दर में कटौती नहीं करते हुए आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि वह वाणिज्यिक बैंकों से पिछली दो कटौती का लाभ आम ग्राहकों तक पहुंचाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बैंकों के इस दावे को खारिज किया था कि पूंजी की लागत काफी अधिक है।