ADVERTISEMENT

रुपये की घटबढ़ थामने के लिए हर संभव कदम उठाएगा रिजर्व बैंक : चक्रवर्ती

रुपये में हाल के दिनों में आई तेज गिरावट के लिये चालू खाते के ऊंचे घाटे को मुख्य वजह बताते हुए रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने गुरुवार को कहा कि रुपये में मौजूदा घटबढ़ को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक हर संभव कदम उठाएगा।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी07:18 PM IST, 06 Jun 2013NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

रुपये में हाल के दिनों में आई तेज गिरावट के लिये चालू खाते के ऊंचे घाटे को मुख्य वजह बताते हुए रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने गुरुवार को कहा कि रुपये में मौजूदा घटबढ़ को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक हर संभव कदम उठाएगा।

चक्रवर्ती ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘...अगर चालू खाते का घाटा तथा राजकोषीय घाटा है तो रुपये की विनिमय दर में गिरावट तय है..लेकिन गिरावट व्यवस्थित होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक हर वो कदम उठाएगा जिससे रुपये में उतार-चढ़ाव कम हो।’’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में रणनीति का खुलासा नहीं किया।

बाह्य क्षेत्र की स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व बैंक के पास 290 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी रुपये में गिरावट का कारण चालू खाते के ऊंचे घाटे को बताया। उन्होंने कहा, ‘‘..ऐसी स्थिति में जहां चालू खाते का घाटा ज्यादा हो, आप रुपये में मजबूती की उम्मीद नहीं कर सकते। अगर यह कमजोर होता है तो मुझे कोई अचंभा नहीं होगा।’’ अमेरिका द्वारा प्रोत्साहन पैकेज वापस लेने को लेकर चिंता के बीच पिछले आठ दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया 150 पैसे से अधिक कमजोर हुआ है। सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 56.89-57.00 के स्तर पर था।

मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आगे कहा कि दुनिया की सभी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर मजबूत हो रहा है और रुपये की विनिमय दर उतनी कम नहीं हुई है जितनी कि उसके समकक्ष अन्य मुद्राओं की हुई है।

चालू खाते के घाटे के बारे में उन्होंने कहा कि यह 2013-14 में निश्चित रूप से 5 प्रतिशत से कम होगा पर चार प्रतिशत के स्तर पर नहीं आएगा। वित्त वर्ष 2012-13 में सीएडी अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में पूछे जाने पर अहलूवालिया ने कहा कि सरकार विधेयक पर निश्चित तौर पर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके कारण सरकार पर सालाना 20,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी बढ़ेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन में सब्सिडी कम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कर सुधार के तौर पर लाये जाने वाले वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले नहीं लाया जा सकेगा। उन्होंने अप्रत्यक्ष करों पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता जताई।

अहलूवालिया ने कहा कि अगले दो सप्ताह में आर्थिक वृद्धि की दिशा में अहम कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन उन्होंने इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT