रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के बीच एक नया विवाद विज्ञापन को लेकर उत्पन्न हो गया है. रिलायंस जियो ने आरोप लगाया है कि भारती एयरटेल गुमराह करने वाले ऑफर पेश कर दर निर्धारण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर रही है तथा एक जैसा प्लान लेने वाले अपने ही ग्राहकों के बीच मनमाने ढंग से भेदभाव कर रही है.
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने दूरसंचार नियामक ट्राई से सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल पर बड़ा जुर्माना लगाने की मांग की है. रिलायंस जियो ने आरोप लगाया है कि एयरटेल के 293 और 449 रुपये के प्लान गुमराह करने वाले तरीके से बाजार में बेचे जा रहे हैं.
उसने कहा कि एयरटेल के इन ऑफरों के विज्ञापन भावी ग्राहकों के मन में यह विश्वास जगाकर उन्हें लुभाने की कोशिश है कि उन्हें 70 दिनों तक प्रतिदिन एक जीबी डाटा मिलेगा. जियो ने कहा, 'लेकिन जो ग्राहक एयरटेल के दोहरे मापदंड को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें बस 50 एमबी डाटा मिलेगा ओर उसके बाद उनसे 4000 रुपये प्रति जीबी की ऊंची दर से शुल्क लिया जाएगा.'
इन प्लान के तहत एयरटेल 4जी हैंडसेट और 4जी सिम वाले ग्राहकों को 70 दिनों के लिए प्रतिदिन एक जीबी मोबाइल इंटरनेट और असीमित स्थानीय एवं एसटीडी कॉल की सुविधा दे रही है. 293 रुपये के प्लान में असीमित कॉल की सुविधा बस एयरटेल नेटवर्क पर ही होगी. इन प्लानों को खरीदने वाले अन्य एयरटेल ग्राहकों को बस 35 दिनो के लिए प्रति दिन 50 एमबी डाटा मिलगा.
जियो ने कहा कि एक तरफ एयरटेल 4जी हैंडसेंट और 4जी सिमकार्ड वाले नए ग्राहकों को ही 70 दिनों के लिए प्रति दिन एक जीबी डाटा लाभ दे रही है, दूसरी तरफ वह अन्य ग्राहकों को 35 दिनों के लिए महज 50 एमबी डाटा दे रही है. इस तरह वह अपने ग्राहकों के बीच ही बहुत भेदभाव कर रही है. उसका कहना है कि ऐसे में ट्राई को एयरटेल पर दूरसंचार दर आदेश, 1999 का उल्लंघन करने के तहत जुर्माना लगाना चाहिए.
उधर, भारती एयटेल के प्रवक्ता ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि यह नेटवर्क त्रुटि समेत अपनी समस्याओं के लिए दूसरे को जिम्मेदार ठहराने की रिलायंस जियो की साजिश का हिस्सा है. इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है कि रिलायंस जियो पहले कई महीनों तक फ्री सेवाएं देती रही है और वह दूसरे संचालकों पर अंगुली उठा रही है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)