जनधन खातों से नोटबंदी के एक महीने बाद यानी 7 दिसंबर से 11 जनवरी की अवधि के दौरान 5,582.83 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. जनधन खातों में कुल जमा 7 दिसंबर को 74,610 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. बाद में इसमें गिरावट आनी शुरू हुई. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 11 जनवरी को यह घटकर 69,027.17 करोड़ रुपये पर आ गई. 7 दिसंबर से 11 जनवरी की अवधि में जनधन खातों से कुल जमा में 5,582.83 करोड़ रुपये की कमी आई. जनधन खातों की संख्या 26.68 करोड़ है.
इन खातों का दुरुपयोग रोकने के लिए निकासी की मासिक सीमा 30 नवंबर से 10,000 रुपये तय की गई है. जनधन खातों में जमा की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये है. 9 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने के दौरान करोड़ जनधन खातों में 45,636.61 करोड़ रुपये की राशि जमा थी. नोटबंदी की घोषणा के एक महीने के भीतर जनधन खातों में जमा में 28,973 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था.
इस बीच, 'आधार' से जुड़े जनधन खातों की संख्या 11 जनवरी को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 15.36 करोड़ हो गई है, जो नोटबंदी के दिन 13.68 करोड़ थी. प्रधानमंत्री जन धन खातों की जमा राशि में अचानक हुई वृद्धि से कई विसंगतियां उजागर हुईं.
सरकार ने इस तरह के खाताधारकों को चेतावनी दी थी कि गत 8 नवंबर को हुई नोटबंदी के मद्देनजर उनके खातों में जमा राशि के दुरुपयोग की इजाजत उन्हें नहीं दी जाएगी. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि आयकर विभाग देशभर में जन धन खातों में जमा कराई गई नकदी राशि में अचानक वृद्धि की जांच कर रहा है, क्योंकि इन खातों में कई विसंगतियां उजागर हुईं.