अमूमन माना जाता है कि सरकार देश चलाने के लिए ज्यादा से ज्यादा आय पर कोई न कोई टैक्स लगाती है. किसी न किसी रूप में टैक्स लगाकर सरकार अपना खजाना भरती और देश का संचालन करती है. यह टैक्स नौकरी पेशा की गाढ़ी कमाई पर भी लगता है और वह जो बचत करता है उससे भी होने वाली आय पर भी टैक्स लगता है. समय-समय पर जनता से मिलते फीडबैक पर सरकार नई योजना और नए छूट के नियम भी तैयार करती है ताकि लोग छूट का लाभ ले सकें.
इसी का नतीजा रहा है आयकर की धारा 80 टीटीए और 80टीटीएबी. सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टीटीए और 80टीटीबी के तहत ब्याज से होने वाली आय पर टैक्स छूट दी है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस छूट की सीमा ज्यादा है.
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उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट-2018 पेश करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई तरह की छूट दीं. ब्याज पर टैक्स की ये छूट सिर्फ बचत खाता के लिए दी गई है. सावधि जमा या आरडी के ब्याज पर टैक्स छूट नहीं दी गई है.
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बचत खाते पर मिलने वाले सालाना ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है. सरकार ने सभी को मौका दिया है कि वो एक तय रकम तक के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है. अगर बचत खाता धारक साल में 10000 रुपये से कम ब्याज कमाते हैं तब पूरे ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है. इसका मतलब है कि ये रकम कुल टैक्सेबल इनकम से घटा दी जाती है.
वहीं, अगर ब्याज से कमाई 10000 रुपये सालाना से ज्यादा है तो सिर्फ 10000 रुपये की ब्याज आय पर ही टैक्स छूट मिलेगी. किसी फर्म या लोगों का संगठन बचत खाते के ब्याज पर ये टैक्स छूट नहीं पा सकता है. .
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क्या आपको पता है अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की बचत खाता के ब्याज से कमाई 50 हजार रुपये से कम है तो पूरी ब्याज की रकम पर टैक्स छूट मिलती है. बुजुर्गों के लिए टैक्स छूट की सीमा 10 हजार रुपये से ज्यादा है. बजट 2018 में सरकार ने बुजुर्गों को ज्यादा राहत देने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में एक और सेक्शन 80टीटीबी जोड़ा है.
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यह साफ है कि केवल 50 हजार रुपये सालाना की ब्याज कमाई पर ही छूट है, इससे ज्यादा पर टैक्स देना ही पड़ेगा. वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ये अतिरिक्त टैक्स छूट 1 अप्रैल 2018 से लागू हो गई है.
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फिक्स्ड डिपॉजिट जमा पैसे पर ज्यादा ब्याज मिलता है. इस खाते पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स छूट नहीं है. छूट सिर्फ बचत खाते के लिए ही है. वैसे फिक्स्ड डिपॉजिट से भी टैक्स बचाया जा सकता है. इसके लिए पैसा टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में लगाना होगा. इस एफडी पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है.