मजबूत वैश्विक धारणा के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बहुप्रतीक्षित ब्याज दर वृद्धि को लेकर अनिश्चितता बढ़ने से सोमवार को रुपया 67 रुपये प्रति डॉलर से भी नीचे लुढ़ककर 27 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की भारी मांग के कारण रुपया 67.09 रुपये प्रति डॉलर पर काफी कमजोर खुला और दोपहर तक और गिरकर 67.12 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंत में 21 पैसे अथवा 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 67.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
लगभग एक दशक के बाद पहली बार ब्याज दर में वृद्धि की संभावना के मद्देनजर पूंजी निकासी को लेकर चिंताओं से रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। हालांकि, स्थानीय शेयर बाजार की तेजी ने उत्साहवर्धक वृहद आर्थिक माहौल की पृष्ठभूमि में अधिक ब्याज दर के संभावित नकारात्मक प्रभावों की अनदेखी कर दी और रुपये की हानि को कुछ हद तक कम कर दिया।