भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने आशंका व्यक्त की है कि ग्रीस संकट की वजह से रुपये पर अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है। भले ही भारत का यूरोपीय देश के साथ व्यापार के मामले सीमित प्रत्यक्ष निवेश है।
डॉ. राजन ने कहा ''भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने लगी है और हमें पूंजी निवेश के कुछ संकेत मिलने लगे हैं। हमें सतत आर्थिक वृद्धि के लिए लगातार काम करना होगा।''
आईबीआई गर्वनर ने कहा, मानसून के मोर्चे पर अब तक के समाचार अच्छे हैं। नीतिगत रूख आंकड़ों पर निर्भर करेगा और हम इस पर निगाह रखे हुए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि वैश्विक अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर सुधार की रफ्तार बहुत मजबूत नहीं है, लेकिन मंदी की कोई गुंजाइश नहीं है।
हालांकि ग्रीस में मची उथल-पुथल के बावजूद इस सप्ताह रुपया स्थिर बना हुआ है।
दरअसल, आर्थिक तंगी से जूझ रहा विकसित देश ग्रीस 30 जून तक अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) का 1.8 बिलियन डॉलर का कर्ज नहीं चुका पाया था, जिसके चलते वह आईएमएफ की सूची में डिफ़ॉल्टर बन गया है।
गहराते संकट के बीच दुनियाभर के शेयर बाजारों की नजर 5 जुलाई को होने वाले जनमत संग्रह पर टिकी है। ग्रीस के लोग उस दिन इस बात पर वोटिंग करेंगे कि उनके देश को ये शर्तें माननी चाहिए या नहीं? अगर देश ने आर्थिक सुधारों की मांग को खारिज कर दिया तो 20 जुलाई को यूरो जोन की बैठक में ग्रीस डिफॉल्टर घोषित हो जाएगा और उसे यूरो जोन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले डॉ. राजन ने ग्रीस संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यस्था पर कोई प्रभाव पड़ने की आशंका से इंकार किया था।