सोमवार को कारोबार के आरंभ होने के साथ ही भारतीय रुपये में कुछ सुधार देखा गया और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 62.50 पर थी। रुपये में सुधार का असर शेयर बाजार पर दिखा और बीएसई का सेंसेक्स 350 अंक ऊपर खुला।
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 63.49 पर बंद हुआ था और आज सुबह करीब 1.5 प्रतिशत मजबूत हुआ। इसका असर सेंसेक्स पर दिखा और सेंसेक्स 20 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर कारोबार करने लगा। निफ्टी में भी करीब 100 अंक की तेजी देखी गई और वह 5950 पर कारोबार करता देखा गया।
गौरतलब है कि अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व अहम फैसला करने वाला है, जिसकी आशंका से पिछले कुछ महीने से शेयर बाजार में व्यापार स्तर पर गिरावट देखी जा रही है। फेडरल रिजर्व की 17 और 18 सितंबर को बैठक होने वाली है, जिसमें हर माह 85 अरब डॉलर मूल्य के बांडों की खरीदारी की कटौती के बारे में फैसला किया जाएगा।
कटौती के फैसले से अमेरिकी बाजार में डॉलर की आपूर्ति घटेगी और इसके कारण विदेशी संस्थागत उभरते बाजारों में बिकवाली कर डॉलर पूंजी खींच सकते हैं। इससे शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट की शुरुआत हो सकती है। उधर, 18 सितंबर को बैंक ऑफ इंग्लैंड भी अपनी बैठक में हुई चर्चा की रिपोर्ट जारी करेगा, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर सम्यक रोशनी पड़ेगी।
घरेलू स्तर पर भारतीय रिजर्व बैंक 20 सितंबर को मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। गुरुवार को जारी आंकड़े के मुताबिक औद्योगिक विकास दर जुलाई महीने में 2.6 फीसदी दर्ज की गई है, जो इससे पिछले चार महीने में सर्वाधिक है। इसके साथ ही उपभोक्ता महंगाई दर भी अगस्त महीने में तीन महीने के निचले स्तर पर 9.52 फीसदी रही।
इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन को तब तक मुख्य ब्याज दर को ऊंचे स्तर पर बनाए रखने की सुविधा मिल गई है, जब तक कि रुपये में स्थिरता नहीं आ जाती है। उल्लेखनीय है कि रुपये में मौजूदा कारोबारी साल में डॉलर के मुकाबले 15 फीसदी से अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
निवेशकों का ध्यान रुपये की चाल पर भी रहेगा। रघुराम राजन के रिजर्व बैंक के नए गवर्नर का पद संभालने के बाद से रुपये में मजबूती दर्ज की जा रही है। 28 अगस्त को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.85 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ चुका था।
निवेशक सीरिया मसले पर अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों से मिलने वाले संकेतों पर भी ध्यान लगाए रखेंगे। सीरिया में असद सरकार द्वारा विरोधी नागरिकों रासायनिक हमले किए जाने के आरोप पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया पर सीमित सैन्य हमला करने की वकालत की थी, हालांकि अन्य देशों से उन्हें उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्यौहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खासतौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां दूसरी और तीसरी तिमाही में अच्छा कारोबार कर सकती हैं।
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिली-जुली हो सकती है। सुधार की प्रक्रिया अवरुद्ध हो सकती है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।