भारतीय रुपया बुधवार को 63.73 स्तर के साथ डॉलर के मुकाबले सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. यह पिछले दो वर्षों में डॉलर के मुकाबले इसका सर्वोच्च स्तर है. इससे पहले मंगलवार को यह डॉलर के मुकाबले 64.07 के स्तर पर बंद हुआ था. इस वक्त रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली मुद्रा है. अब तक डॉलर के मुकाबले इसमें छह प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी से जुड़ी पांच बातों पर एक नजर:
1. घरेलू स्टॉक और बांड बाजार में विदेशी मुद्रा के आगमन में बढ़ोतरी एक वजह मानी जा रही है. इस महीने भारतीय मुद्रा बाजार में 30 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ है.
2. इस प्रवाह की वजह से घरेलू स्टॉक मार्केट ने इस साल नई ऊंचाइयों को छुआ. इस महीने निफ्टी 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ एशिया में सबसे अधिक प्रदर्शन करने वाला मार्केट रहा.
3. विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह का प्रवाह ही इस साल रुपये के प्रदर्शन को निर्धारित करेगा.
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4. कम मुद्रास्फीति, चालू घाटे में कमी और आर्थिक विकास की बेहतर संभावनाएं रुपये के अच्छे प्रदर्शन की वजहों में शुमार हैं.
5. वैश्विक रूप से डॉलर के कमजोर होने का ट्रेंड दिख रहा है. छह प्रमुख मुद्राओं वाले बास्केट में इसका प्रदर्शन पिछले 15 महीनों में सबसे कमजोर रहा है.
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