सहारा समूह ने सर्वोच्च न्यायालय के 31 अगस्त के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की है। सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह को जमाकर्ताओं के 17400 करोड़ रुपये 15 फीसदी ब्याज की दर से लौटाने का आदेश दिया था। सहारा ने यह धन 'ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स' के जरिए 2008-09 के दौरान जमा किया था।
सहारा की रियल स्टेट कम्पनी एसआईआरईसीएल एवं एसएचआईसीएल द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका में न्यायालय के आदेश के अनुसार निवेशकों के धन को लौटाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। सहारा ने याचिका में कहा कि इस आदेश से जनता के साथ-साथ देसी एवं विदेशी बाजारों में उसकी छवि को धक्का पहुंचेगा।
याचिका में शिकायतकर्ता की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया है जिसकी शिकायत पर सेबी ने कार्रवाई की थी।
सहारा ने पुनर्विचार याचिका की सुनवाई ओपन कोर्ट में करने की भी मांग की।