स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर सहित पांच सहयोगी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में 1 अप्रैल से विलय हो जाएगा. वैश्विक आकार का बड़ा बैंक बनाने की अपनी मंशा के तहत सरकार ने एसबीआई और इसके पांच सहयोगी बैंकों की विलय योजना को 15 फरवरी को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की थी.
यह देश के बैंकिंग इतिहास में सबसे बड़ी एकीकरण की प्रक्रिया है.
ये हैं पांच बैंक
एसबीआई ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक आफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक आफ पटियाला (एसबीपी) तथा स्टेट बैंक आफ हैदराबाद (एसबीएच) की संपत्तियां एक अप्रैल, 2017 से एसबीआई को ट्रांसफर हो जाएंगी.
बैंक के ग्राहकों की संख्या 50 करोड़
इन पांच सहयोगी बैंकों के विलय के साथ एसबीआई संभवत: संपत्ति के आधार पर दुनिया के बड़े बैंकों में शामिल हो जाएगा. उसकी परिसंपत्तियां बढ़कर 37 लाख करोड़ रुपये या 555 अरब डॉलर पर पहुंच जाएंगी. बैंक की शाखाओं की संख्या 22,500 और एटीएम की 58,000 हो जाएगी. बैंक के ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ पर पहुंच जाएगी.
इन बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी (निदेशक मंडल के सदस्यों तथा सहायक बैंकों के कार्यकारी न्यासी को छोड़कर) एसबीआई के कर्मचारी हो जाएंगे. (इनपुट एजेंसी से)