प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करदाताओं का आधार लगभग दोगुना कर 10 करोड़ करने की बात कही थी। हालांकि राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इस बयान में कुछ स्थिति साफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री करदाताओं का दायरा बढ़ाने की गुंजाइश की बात कर रहे थे और इस आंकड़े तक पहुंचना लगभग 'असंभव' है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे कर नहीं देने वालों का दरवाजा खटखटाने तथा करदाताओं की संख्या को बढ़ाकर कम से कम 10 करोड़ करने को कहा है।
कर प्रशासकों के दो दिन के सालाना सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में गुरुवार को प्रधानमंत्री ने कर अधिकारियों से कहा था कि वे करदाताओं की संख्या को बढ़ाकर 10 करोड़ तक पहुंचाएं। फिलहाल यह संख्या 5.43 करोड़ है।
इस सम्मेलन में मीडिया को इजाजत नहीं थी और पीएम मोदी के बयान के बारे में वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा तथा अधिया ने जानकारी दी थी। वहीं शुक्रवार को सम्मेलन के समापन पर अधिया ने संवाददाताओं से कहा कि सिन्हा ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि देश में करीब 25 करोड़ परिवार है। इनमें से 14 से 15 करोड़ परिवार कृषि क्षेत्र से संबंधित हैं।
अधिया ने कहा कि बाकी बचे परिवार 10 करोड़ हैं। अब इनमें से करदाताओं का दायरा बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने यह नहीं कहा था कि हमें 10 करोड़ पर पहुंचना है। उन्होंने कहा कि देश में 10 करोड़ करदाताओं का आंकड़ा असंभव है। कई गैर कृषि परिवार भी गरीबी रेखा से नीचे होंगे जो शहरों में रह रहे हैं। ऐसे में सभी 10 करोड़ लोगों पर कर लगाना असंभव है। अधिया ने कहा कि पीएम मोदी ने कर दायरा बढ़ाने की बात की थी। उन्होंने कोई लक्ष्य नहीं दिया था।
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