विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए रास्ता सुगम करने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कुछ श्रेणी के विदेशी निवेशकों को सीधे भारतीय बाजारों में कारोबार की अनुमति देने पर विचार कर रहा है. इसकी शुरुआत ऋण खंड से होगी.
फिलहाल एफपीआई भारतीय बाजारों में कारोबार घरेलू शेयर ब्रोकरों के जरिये करते हैं. इन ब्रोकरों को अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा इन निवेशकों से मिलता है.
सूत्रों ने बताया कि सेबी के निदेशक मंडल की इसी महीने होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर विचार विमर्श हो सकता है. नियामक इस बारे में परामर्श पत्र जारी कर सकता है और इस बारे में अंतिम फैसला सभी अंशधारकों के विचारों के आधार पर किया जाएगा.
प्रस्तावित नियमों के तहत नियामक विदेशी निवेशकों को सीधे पूंजी बाजार में निवेश की अनुमति दे सकता है. इसकी शुरुआत पहले ऋण बाजार में कारोबार की अनुमति से हो सकती है. उसके बाद शेयर बाजारों में भी सीधे कारोबार की अनुमति दी जा सकती है.
ये नियम संभवत: श्रेणी एक के एफपीआई पर लागू होंगे जिनमें सॉवरेन संपदा कोष तथा केंद्रीय बैंक आते हैं. इसके अलावा ये श्रेणी दो के एफपीआई पर भी लागू होंगे जिनमें म्यूचुअल फंड और बैंक आते हैं.
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