सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को 15 जुलाई तक ही तक 552 करोड़ की रकम देने का आदेश दिया है. अदालत ने इस मामले में समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर रकम सेबी के अकाउंट में नहीं आई तो सहारा प्रमुख को परिणाम भुगतने होंगे. इसके साथ ही एंबी वैली की नीलामी के आदेश जारी कर दिए जाएंगे. कोर्ट ने कहा कि अगली बार जमा कराने की रकम और भी भारी होगी. सहारा ने अब तक 1500 करोड़ 40 लाख रुपये जमा करा दिए हैं. सहारा ने 15 जुलाई के लिए 552 करोड़ रुपये का चेक जमा कराया था. मामले में 20 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. सहारा की ओर से बताया गया कि अभी तक 13,316 करोड़ रुपये सेबी को जमा करा दिए हैं जबकि 9000 करोड़ और देने हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्वीडेटर के लोनावाला में करीब 800 एकड़ क्षेत्र में फैले एंबी वैली की कीमत का आंकलन और इसे बेचने के रोडमैप पर भी मुहर लगा दी है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा को 10 दिनों के भीतर 709 करोड़ रुपये सहारा-सेबी खाते में जमा करने के लिए कहा था. साथ ही हरिद्वार की 87 एकड़ जमीन को नीलाम करने को कहा था. दरअसल समूह को 15 जून तक सहारा-सेबी खाते में 1500 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन समूह की ओर से इस अवधि तक 790 करोड़ रुपये ही जमा कराए गए.
सुनवाई के दौरान निर्धारित समय के भीतर 1500 करोड़ रुपये सेबी-सहारा खाते में जमा नहीं कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी. इससे पहले सहारा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि 790 करोड़ रुपये सहारा-सेबी खाते में जमा हो गए हैं. उन्होंने बाकी रकम जमा करने के लिए और 10 कार्यदिवस देने की गुहार की. पीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें मोहलत दे दी. सुनवाई के दौरान समूह की ओर से बताया गया कि वह लंदन के ग्रॉसवेन हाउस होटल में अपने शेयर को बेच रहा है और 10 दिनों में यह रकम उसके पास आ जाएगी.
वहीं बांबे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्वीडेटर की ओर से पीठ को बताया गया कि लोनावाला में करीब 800 एकड़ क्षेत्र में फैले एंबी वैली की कीमत का आंकलन हो गया है और इसे बेचने की शर्तें भी तैयार कर ली गई हैं. इसे पूर्व जस्टिस बीए अग्रवाल के पास भेज दिया गया है.