पूंजी बाजार नियामक सेबी शेयरों में अचानक भारी गिरावट आने की स्थिति में निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए थोड़े समय के लिए कारोबार रोकने और सौदे रद्द करने पर विचार कर रहा है।
प्रस्तावित पहल का उद्देश्य बड़ी कंपनियों के शेयर मूल्य और सूचकांक में भारी उतार-चढ़ाव के असर को कम करना है। खासकर ऐसे सौदों को देखते हुए जिनमें उच्च गति की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए कुछ ही क्षणों में कई सौदे एकसाथ हो जाते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का मानना है कि इस उच्च प्रौद्योगिकी के संभावित दुरुपयोग की स्थिति में उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सेबी जिन पहलों पर विचार कर रही है उनमें अचानक गिरावट जैसी स्थिति में कुछ समय के लिए कारोबार को रोकना की अनुमति देना भी शामिल है। इसके अलावा इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि जिन सौदों पर ऐसी शंका बनती है कि उनकी वजह से बाजार में अचानक गिरावट आई है उन्हें रद्द कर दिया जाए।
अधिकारी ने बताया कि इस बारे में अंतिम निर्णय सेबी की तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिश पर विचार करने के बाद ही लिया जाएगा। समिति में बाहरी विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
शेयर बाजार में ‘फ्लैश क्रेश’ यानी अचानक गिरावट से तात्पर्य ऐसे सौदे से है जब किसी प्रमुख कंपनी के शेयर में अथवा बेंचमार्क सूचकांक में भारी गिरावट दर्ज की जाती है। देश के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में ऐसा ही अनुभव पिछल महीने तब हुआ जब घटे भाव पर एक साथ सौदे होने पर निफ्टी सूचकांक अचानक 900 अंक के झटके के साथ नीचे आ गया।