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शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी, सेंसेक्स 792 अंक गिरकर हुआ बंद, निफ्टी 10,317 से नीचे

शुक्रवार को  शुरुआती कारोबार में शुक्रवार को सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा गिरकर खुला और 35,000 अंक के स्तर से नीचे चला गया.
NDTV Profit हिंदीNDTVKhabar News Desk
NDTV Profit हिंदी05:07 PM IST, 05 Oct 2018NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को भारी गिरावट दर्ज की गई है. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 792.17 अंक और टूटकर 34,376.99 अंक पर और निफ्टी 282.80 अंक के नुकसान से 10,316.45 अंक पर बंद हुए. इस गिरावट के साथ निवेशकों को भारी नुकसान होने का अनुमान है. निवेशकों को इससे लाखो-करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. डॉलर के मुकाबले रुपये के 74 को पार करने तथा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में बाजार की दृष्टि से अप्रत्याशित रुख अपनाए जाने के के साथ साथ वैश्विक बाजारों में गिरावट के संकेतों बीच बाजार में यह तेज गिरावट रही. रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत ब्याज दर स्थिर रखी है लेकिन अपने नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ की जगह ‘‘नपे-तुले तरीके से कड़ा करने’’ की घोषणा की है. केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा. कारोबारियों के अनुसार वैश्विक बाजार में बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा. अमेरिकी बांड बाजार में रिटर्न कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने तथा मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बीच फेडरल रिजर्व की टिप्पणी से महंगाई दर बढ़ने की आशंका बढ़ी है. 

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आरबीआई की मौद्रिक नीति के तुरंत बाद अमेरिकी डालर के मुकाबले घरेलू रुपया कारोबार के दौरान 74.23 पर पहुंच गया. तीस शेयरों वाला सूचकांक पूरे सत्र के दौरान नकारात्मक दायरे में रहा. आरबीआई के प्रमुख नीतिगत दर को यथावत रखने लेकिन अपने रुख को आने वाले समय में सधे हुए ढंग से कड़ा किये जाने के निर्णय से बिकवाली गतिविधियां तेज हुई. सेंसेक्स एक समय 34,202.22 तक चला गया, लेकिन अंत में 792.17 अंक या 2.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 34,376.99 अंक पर बंद हुआ. यह 23 अप्रैल के बाद सेंसेक्स का निचला स्तर है. उस दिन यह 34,450.77 अंक पर बंद हुआ था. रुपये में गिरावट तथा कच्चे तेल के दाम में उछाल के बीच तीन दिन में सेंसेक्स 2149.15 अंक टूट चुका है.   

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नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 282.80 अंक या 2.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,316.45 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 10,261.90 के न्यूनतम स्तक तक चला गया था. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5:1 के बहुमत से यथास्थिति बनाये रखने का समर्थन किया. समिति के एकमात्र सदस्य चेतन घाटे ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का समर्थन किया. बाजार यह उम्मीद कर रहा था कि छह सदस्यीय एमपीसी मौद्रिक नीति समीक्षा में कम-से-कम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगी.

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