वैश्विक वृद्धि को लेकर चिंता एक बार फिर से शेयर बाजारों में दिखाई दी और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 207.27 अंक लुढ़क गया। एनएसई निफ्टी भी 7,800 के स्तर से नीचे आ गया। चीन में विनिर्माण क्षेत्र का कमजोर आंकड़ा तथा यूरो क्षेत्र में नरमी की भविष्यवाणी से घरेलू शेयरों में बिकवाली देखी गई।
सेंसेक्स 500 से अधिक अंक के दायरे में कारोबार करते हुए अंत में तीन सप्ताह के न्यूनतम स्तर 25,229.70 अंक पर बंद हुआ। यह लगातार दूसरा कारोबारी सत्र है, जब बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी का शेयर 0.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,099.50 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 31 प्रतिशत बढ़ने की खबर से शेयर में मजबूती आई। वाहन बनाने वाली टाटा मोटर्स का शेयर 0.54 प्रतिशत मजबूत होकर 409.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
खुदरा निवेशकों की सतर्क भागीदारी रही, क्योंकि मझोली कंपनियों वाला सूचकांक 0.85 प्रतिशत तथा लघु कंपनियों का सूचकांक 0.28 प्रतिशत नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार चीन में विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर आंकड़े तथा यूरोपीय शेयर बाजारों के तीन सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने की खबर से धारणा प्रभावित हुई। इस बीच, यूरोपीय आयोग ने उभरते बाजारों में नरमी को देखते हुए यूरो क्षेत्र की वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है।
सतत विदेशी पूंजी प्रवाह से 30 शेयरों वाला सूचकांक शुरुआती कारोबार में 268 अंक की बढ़त के साथ खुला, लेकिन बाद में चौतरफा लिवाली से 207.27 अंक या 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,229.70 अंक पर बंद हुआ। यह 12 अप्रैल के बाद सेंसेक्स का न्यूनतम स्तर है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 58.90 अंक या 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,747 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 7,735.15 के न्यूनतम स्तर पर चला गया था। सेंसेक्स के तीस शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में कोल इंडिया रही। कंपनी का शेयर 3.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 279.85 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई आईटी सूचकांक में सर्वाधिक 1.57 अंक की गिरावट आई। उसके बाद धातु 1.34 प्रतिशत, सार्वजनिक उपक्रम 1.22 प्रतिशत, तेल एवं गैस 1.04 प्रतिशत, रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली 1.03 प्रतिशत, बैंक 1.03 प्रतिशत तथा प्रौद्योगिक 0.97 प्रतिशत नीचे आए।
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