रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अंदेशों और ऐलान का असर सेंसेक्स और निफ्टी की चाल पर भी पड़ा. आरबीआई के रेपो रेट में कोई बदलाव न करने के बाद शेयर बाजार लुढ़के और सेंसेक्स 47 अंक के साथ 29927 के स्तर पर, निफ्टी 3 अंक गिरावट के साथ 9,250 के स्तर पर बंद हुआ.
देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज नए कारोबारी साल की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की. रेपो रेट 6.25% पर बरकरार रखा है यानी इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया है. यह लगातार तीसरी बार है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लेंडिंग रेट में किसी प्रकार का कोई बदलाव न किया हो. हालांकि रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया गया है. वैसे जानकार और विश्लेषक यह पहले ही कह रहे थे कि इस बार भी रेपो रेट में कमी नहीं की जाएगी.
आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति का अनुमान 4.1 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 5.0 प्रतिशत रखा है. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया. आरबीआई ने कहा है कि 2016-17 में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है. आरबीआई का कहना है कि वृहत आर्थिक परिदृश्य में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं. मुद्रास्फीति के रूख को लेकर जोखिम दोनों तरफ से बराबर-बराबर है.
यह भी कहा गया कि मानूसन को लेकर अनिश्चितता से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है. वहीं वस्तु एवं सेवा कर के असर से भी एकबारगी मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा है. रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6 प्रतिशत की.. बैंकिंग तंत्र में नकदी की बाढ़ के कारण रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो के बीच का फासला कम किया गया. सीमांत स्थायी सुविधा और बैंक दर को बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया.
रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा से पहले शेयर बाजार में आज शुरुआती कारोबार में सतर्कता का रुख रहा और संवेदी सूचकांक 122 अंक नीचे लुढ़क गया था. बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का संवेदी सूचकांक आज शुरुआती दौर में 121.94 अंक यानी 0.40 प्रतिशत गिरकर 29,852.30 अंक पर रहा. एफएमसीजी, बैंकिंग, स्वास्थ्य देखभाल, धातु और तेल एवं गैस कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 38.25 अंक यानी 0.42 प्रतिशत गिरकर 9,225.90 अंक रहा.