देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह तेजी रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में दो फीसदी से अधिक उछाल देखी गई, जबकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर में नौ फीसदी से अधिक तेजी रही।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 2.37 फीसदी यानी 462.65 अंकों की तेजी के साथ 19,958.47 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इसी अवधि में 2.4 फीसदी या 141.10 अंकों की तेजी के साथ 6009.00 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयरों में तेजी रही। इंफोसिस (14.19 फीसदी), सन फार्मा (7.11 फीसदी), विप्रो (7.04 फीसदी), भेल (5.24 फीसदी) और टीसीएस (5.16 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एलएंडटी, मारुति सुजुकी (6.55 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (6.44 फीसदी), ओएनजीसी (6.07 फीसदी) और गेल (1.50 फीसदी)।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह एक फीसदी से कम की तेजी रही। मिडकैप 0.94 फीसदी या 56.42 अंकों की तेजी के साथ 6,048.41 पर और स्मॉलकैप 0.79 फीसदी या 45.11 अंकों की तेजी के साथ 5737.16 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से 10 सेक्टरों में तेजी रही। सूचना प्रौद्योगिकी (9.63 फीसदी), प्रौद्योगिकी (7.89 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (4.45 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (3.33 फीसदी) और बिजली (2.73 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। तीन सेक्टरों वाहन (2.28 फीसदी), तेल एवं गैस (1.30 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (1.02 फीसदी) में गिरावट रही।
गत सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में सोमवार को देश की मुद्रा रुपया फिर एक बार सोमवार को डॉलर के मुकाबले 61.21 रुपये के नए ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 26 जून को रुपये ने 60.76 के ऐतिहासिक स्तर को स्पर्श किया था। इस साल अब तक 10 फीसदी मूल्य खो चुके रुपये के लगातार अवमूल्यन को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को बैंकों को मुद्रा बाजार में सटोरिया कारोबार करने से रोक लगा दी।
मंगलवार को देश में आयातित चीनी पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया। ऐसा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत में काफी गिरावट के बाद आयात पर रोक लगाने के मकसद से किया गया है। इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (इसमा) और नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव सुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) जैसे औद्योगिक संगठनों की ओर से भारी दबाव बनाए जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया।
गुरुवार को केंद्र सरकार की मिनी रत्न कंपनी स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन (एसटीसी) के विनिवेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही शेयर बाजार में कंपनी के शेयर भाव में पांच फीसदी गिरावट दर्ज की गई। केंद्र सरकार ने एसटीसी में अपनी 1.02 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया। शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देशानुसार सरकार को शेयर बाजार में सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 8 अगस्त, 2013 तक 90 फीसदी या उससे कम करना है।
शुक्रवार को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी इंफोसिस लिमिटेड ने रुपये की कमजोरी के कारण मौजूदा कारोबारी साल में आय वृद्धि के अनुमान को रुपये मूल्य में बढ़ा (13-17 फीसदी) दिया है। हालांकि कम्पनी ने डॉलर मूल्य में इसे पुराने स्तर (6-10 फीसदी) पर बरकरार रखा है। आय अनुमान बढ़ने से कम्पनी के शेयरों में उछाल दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में कम्पनी के शेयर 10.92 फीसदी तेजी के साथ 2,802.75 रुपये पर बंद हुए।