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साप्ताहिक समीक्षा : सेंसेक्स, निफ्टी में 3 फीसदी से अधिक तेजी, ब्याज दरों में कटौती का असर

देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 3.27 फीसदी यानी 858.56 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,079.51 पर बंद हुआ।
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NDTV Profit हिंदी10:02 AM IST, 10 Oct 2015NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 3.27 फीसदी यानी 858.56 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,079.51 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 3.00 फीसदी यानी 238.8 अंकों की तेजी के साथ 8,189.70 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 में तेजी रही। वेदांता (24 फीसदी), टाटा मोटर्स (19.83 फीसदी), हिंडाल्को (18.32 फीसदी), टाटा स्टील (18.19 फीसदी) और ओएनजीसी (13.28 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे मारुति (6.70 फीसदी), ल्युपिन (2.42 फीसदी), विप्रो (1.13 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.05 फीसदी) और इंफोसिस (0.46 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 1.10 फीसदी या 119.08 अंकों की तेजी के साथ 10,937.76 पर और स्मॉलकैप 2.77 फीसदी या 305.98 अंकों की तेजी के साथ 11,348.58 पर बंद हुआ।

अमेरिका में सितंबर में कमजोर रोजगार आंकड़े आने के बाद यह उम्मीद जगी कि फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दर बढ़ाने में अभी देरी करेगा। इस संकेत से भारत सहित पूरी दुनिया के बाजार में तेजी रही। फेड ने दिसंबर 2008 से अपनी दर को लगभग शून्य बनाकर रखा है। फेड की दर बढ़ने से भारत और अन्य उभरते बाजारों में विदेशी निवेशकों द्वारा भारी-भरकम बिकवाली किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिका में निवेश आकर्षक हो जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख दरों में 29 सितंबर 2015 को 50 आधार अंकों की आश्चर्यजनक कटौती करने के बाद पिछले सप्ताह कई वाणिज्यिक बैंकों ने भी अपनी आधार दरों में कटौती की घोषणा की है, जिसने बाजार में तेजी लाने में सकारात्मक भूमिका निभाई है। आधार दर घटाए जाने से ऋण पर दी जाने वाली मासिक किस्तें घटेंगी, जिससे आवासीय, वाहन तथा पूंजीगत क्षेत्रों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है।

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