फलों और सब्जियों के दाम में नरमी के चलते सितंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 6.46 प्रतिशत रह गई जो कि जनवरी 2012 के बाद सबसे कम है। देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर गणना की शुरुआत जनवरी 2012 में ही हुई थी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित सकल खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 7.67 प्रतिशत रह गई, जो कि इससे पिछले महीने में 9.35 प्रतिशत तथा एक साल पहले सितंबर 2013 में 11.75 प्रतिशत थी। सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति में जुलाई के बाद से ही गिरावट आ रही है।
खुदरा मुद्रास्फीति के अगस्त के संशोधित आंकड़ों में यह 7.73 प्रतिशत रही, जबकि इसका शुरुआती अनुमान 7.8 प्रतिशत था।
सांख्यिकी एवं कार्यकम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सब्जियों के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति सितंबर में 8.59 प्रतिशत रही जो कि पिछले महीने में 15.15 प्रतिशत थी।
इसी तरह फलों की मुद्रास्फीति सितंबर में 22.4 प्रतिशत रही जो अगस्त में 24.27 प्रतिशत थी। इसी तरह प्रोटीन वाले उत्पाद अंडे, मछली व मीट के भाव में सितंबर में अगस्त की अपेक्षाकृत कम वृद्धि देखने को मिली। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े कल जारी होंगे जो कि अगस्त में 3.74 प्रतिशत थी।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर नजर रखता है।