पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य ने आज कहा कि रिजर्व बैंक को रुपये का अब और मजबूत होने से रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब इस स्थिति को बदला जाना चाहिये. उन्होंने एमसीसीआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यहां कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था की अल्पकालिक मदद के लिए रिजर्व बैंक को तुरंत कदम उठाने चाहिए और रुपये में आती मजबूती को नरम करना चाहिए.’’ इससे निर्यात को बल मिलेगा तथा घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में तेजी आएगी.
यह भी पढ़ें: शेयर बाजार : सेंसेक्स 31 तेजी के साथ 32,273 के स्तर पर बंद हुआ, आईटी स्टॉक्स में तेजी
इंडियन कौंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशल इकोनॉमिक रिलेशंस के मानद प्रोफेसर आचार्य ने कहा कि अभी जब अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है, सरकार के लिए खर्च बढ़ाकर इसे संभालना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा, ‘‘अभी के समय इसके लिए काफी कम संभावनाएं हैं.’’ उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद राजस्व संग्रहण में अनिश्चितता के कारण यह स्थिति है.
VIDEO: निर्माण उद्योग में सुरक्षा मानकों की अनदेखी से हो रही मौतें
आचार्य ने कहा, ‘‘अभी 2017-18 में जो चिंता की बात है वह यह कि केंद्र और राज्यों का सम्मिलित वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब सात प्रतिशत होगा. यह बहुत ज्यादा है.’’ उन्होंने आगे कहा कि कृषि ऋण माफी के कारण राज्य भी बुरी स्थिति में हैं. सरकार मौजूदा खर्च अथवा कर्ज के जरिये निवेश जरूरतों की पूर्ति कर सकती है पर इससे ब्याज दरों पर फिर से दबाव पड़ेगा. नोटबंदी के बारे में उन्होंने कहा, यह सरकार का भयावह प्रयोग था जिसने अर्थव्यवस्था को संकुचित कर दिया.