शेयर बाजारों में लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 561 अंक लुढ़ककर एक महीने के न्यूनतम स्तर 34,195.94 अंक पर आ गया. अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट से एशिया समेत पूरी दुनिया के बाजारों में इस समय भूचाल आया हुआ है. बाजार में इस गिरावट से निवेशकों की संपत्ति 2.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक कम हुई. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.30 अंक की गिरावट के साथ 10,498.25 पर आ गया. वॉलस्ट्रीट में रिकॉर्ड गिरावट के बाद भारत समेत वैश्विक बाजारों पर असर पड़ा है. अमेरिका में कर्ज की लागत बढ़ने की आशंका को लेकर निवेशक थोड़े सतर्क हैं. सोमवार को डाउ में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट आयी और 2018 में जो भी लाभ हुआ, वह चला गया. एस एंड पी 500 भी नीचे आया. रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों से पहले घरेलू निवेशक भी चिंतित हैं.
ऐसे संकेत है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति में वृद्धि को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रख सकता है. बाजार की शुरूआत मंगलवार को गिरावट के साथ हुई. सेंसेक्स कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनटों में करीब 1,275 अंक का गोता लगाते हुए 34,000 अंक के नीचे आ गया जबकि एनएसई निफ्टी कुछ ही मिनटों में 390 अंक नीचे चला गया. हालांकि बाद में चुनिंदा शेयरों में लिवाली देखी गयी और सेंसेक्स अंत में 561.22 अंक या 1.61 प्रतिशत टूटकर 34,195.94 अंक पर बंद हुआ.
पांच जनवरी के बाद सेंसेक्स का यह न्यूनतम स्तर है. उस समय सेंसेक्स 34,153.85 अंक पर बंद हुआ था. 50 शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी भी 168.30 अंक या 1.58 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,498.25 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले, तीन जनवरी को यह 10,443.20 अंक पर बंद हुआ था.
कारोबार के दौरान यह 10,276.30 से 10,594.15 अंक तक चला गया था. एक फरवरी को पेश बजट के बाद सेंसेक्स अबतक 1,769.08 अंक नीचे आया. बजट में शेयरों से होने वाले दीर्घकालीन पूंजी लाभ पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया. इसके अलावा राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ा दिया गया.