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शेयर बाजारों में रही करीब दो फीसदी की गिरावट

देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह लगभग दो फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत साप्ताहिक कारोबार में 1.99 फीसदी या 353.65 अंकों की गिरावट के साथ 17,429.56 पर बंद हुआ।
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NDTV Profit हिंदी08:42 PM IST, 01 Sep 2012NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह लगभग दो फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत साप्ताहिक कारोबार में 1.99 फीसदी या 353.65 अंकों की गिरावट के साथ 17,429.56 पर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी गत साप्ताहिक कारोबार में 2.38 फीसदी या 128.20 अंकों की गिरावट के साथ 5,258.50 पर बंद हुआ।

आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी डेढ़ फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 1.87 फीसदी या 114.19 अंकों की गिरावट के साथ 6,005.02 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 2.73 फीसदी या 179.69 अंकों की गिरावट के साथ 6,395.09 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे सिप्ला (3.07 फीसदी), टीसीएस (1.84 फीसदी), एचडीएफसी (1.43 फीसदी), टाटा पावर (1.27 फीसदी) और आईटीसी (0.91 फीसदी)।

सेंसेक्स में इसी सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (14.30 फीसदी), जिंदल स्टील (11.40 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (7.68 फीसदी), भेल (7.27 फीसदी) और टाटा स्टील (6.50 फीसदी)।

गत सप्ताह बीएसई के 13 में से दो सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.05 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (1.02 फीसदी) में तेजी रही।

बीएसई में गिरावट में रहने वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (7.05 फीसदी), रियल्टी (5.01 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (4.85 फीसदी), वाहन (3.71 फीसदी) और बैंकिंग (3.00 फीसदी)।

बीएसई के सेंसेक्स में गत सप्ताह पांच कारोबारी सत्रों में से चार में गिरावट रही। सिर्फ गुरुवार को सेंसेक्स तेजी के साथ बंद हुआ।
सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में देश की आर्थिक विकास दर मौजूदा वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में 5.5 फीसदी रही, जबकि वित्त वर्ष 2011-12 में इसी अवधि के दौरान यह आठ फीसदी थी। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य अवधि में विनिर्माण, खनन और कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा।

आलोच्य अवधि की विकास दर हालांकि विश्लेषकों द्वारा अनुमानित 5.2 फीसदी से बेहतर है। इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2012) में देश की आर्थिक विकास दर 5.3 फीसदी थी।

केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, विकास दर में यह गिरावट मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र में मात्र 0.2 फीसदी वृद्धि दर के कारण आई है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान 7.3 फीसदी थी। साथ ही कृषि विकास दर भी 3.7 फीसदी से गिरकर 2.9 फीसदी पर आ गई।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने तिमाही आर्थिक विकास दर के ताजा आंकड़े पर प्रतिक्रिया में कहा कि स्थिर निवेश वृद्धि दर में तेज गिरावट जैसे कुछ आंकड़े चिंता पैदा करने वाले हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, "निश्चित रूप से फिक्स्ड निवेश विकास में गिरावट (2011-12 की पहली तिमाही में 14.7 फीसदी की जगह 2012-13 की पहली तिमाही में 0.7 फीसदी) सरकार के लिए चिंता पैदा करने वाली है।"

चिदम्बरम ने लिखित बयान में कहा, "2010-11 की चौथी तिमाही के बाद से लगातार हर तिमाही विकास दर में गिरावट के बाद यह पहला मौका है जब किसी तिमाही की विकास दर इससे पिछली तिमाही से अधिक है।"

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