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शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़े, रुपये की चाल पर रहेगी नजर

शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर अगले सप्ताह कई प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर टिकी रहेगी। इनमें जुलाई 2013 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े, अगस्त 2013 के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े और अगस्त 2013 के लिए अमेरिकी रोजगार के आंकड़े शामिल हैं।
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NDTV Profit हिंदी12:13 PM IST, 08 Sep 2013NDTV Profit हिंदी
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शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर अगले सप्ताह कई प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर टिकी रहेगी। इनमें जुलाई 2013 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े, अगस्त 2013 के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े और अगस्त 2013 के लिए अमेरिकी रोजगार के आंकड़े शामिल हैं।

निवेशकों की नजर रुपये की चाल, तेल मूल्य, विदेशी संस्थागत निवेशकों की चाल जैसी बातों पर भी टिकी रहेगी। शेयर बाजार सोमवार 9 सितंबर को गणेश चतुर्थी के मौके पर बंद रहेगा।

सरकार गुरुवार 12 सितंबर को जुलाई 2013 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी। जून में औद्योगिक उत्पादन में साल दर साल आधार पर 2.2 फीसदी गिरावट रही थी।

सरकार गुरुवार 12 सितंबर को ही अगस्त महीने के लिए गांवों और शहरों के लिए संयुक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े भी जारी करेगी। जुलाई में यह 9.64 फीसदी रही थी, जो जून में 9.87 फीसदी हो गई थी।

निवेशकों को आगामी सप्ताह पेट्रोलियम उत्पादों की खपत कम करने की सरकारी योजना का इंतजार रहेगा।

डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्य में वृद्धि के कारण पेट्रोलियम आयात महंगा हो जाएगा और इसका सीधा नकारात्मक असर वित्तीय घाटा तथा चालू खाता घाटा पर पड़ेगा।

भारत अपनी कुल जरूरत का 80 फीसदी पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा है कि सरकार ईंधन की खपत कम करने की योजना की घोषणा 16 सितंबर को करेगी।

बुधवार 4 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर रघुराम राजन द्वारा वित्तीय उद्योग को संबल देने और रुपये को मजबूत करने संबंधी योजनाओं की घोषणा करने के बाद रुपये में डॉलर के मुकाबले जरूर कुछ मजबूती आई है। निवेशकों की निगाह इस सप्ताह भी रुपये की चाल पर टिकी रहेगी।

निवेशकों की नजर इस सप्ताह सीरिया के प्रति अमेरिकी रुख पर भी रहेगी। सीरिया पर अमेरिकी हमले की स्थिति में तेल आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा सकती है, जिससे तेल का मूल्य बढ़ सकता है। इससे भारत को तेल आयात पर अधिक खर्च करना पड़ेगा और इसके कारण चालू खाता घाटा और बढ़ सकता है, जो पहले से ही जीडीपी के 4.8 फीसदी के ऐतिहासिक ऊपरी स्तर पर है।

शेयर बाजार सोमवार को अमेरिका में गैर कृषि रोजगार आंकड़े पर प्रतिक्रिया करेंगे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस मंशा को जता दिया है कि यदि देश की अर्थव्यवस्था तेजी की पटरी पर आगे बढ़ेगी, तो वित्तीय प्रोत्साहन वापस लिया जा सकता है। इस प्रोत्साहन के कारण पिछले कुछ सालों से वैश्विक बाजार में डॉलर का प्रवाह बना रहा है।

इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्यौहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां दूसरी और तीसरी तिमाही में अच्छा कारोबार कर सकती हैं।

लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिली जुली हो सकती है। जिसके कारण सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की संभावना है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है, और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।

बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में गिरावट चल रहा है। इसे देखते हुए निवेशक बॉटम अप की रणनीति अपना सकते हैं, यानि वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

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