ADVERTISEMENT

साप्ताहिक समीक्षा: बजट में LTCG टैक्स की घोषणा से शेयर बाजारों को झटका, सेंसेक्स 36,000 के नीचे बंद

इस दौरान सेंसेक्स 36,000 अंकों के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 11,000 अंकों के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ.
NDTV Profit हिंदीNDTVKhabar News Desk
NDTV Profit हिंदी10:08 AM IST, 03 Feb 2018NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि निवेशक 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में सरकार द्वारा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाए जाने से निराश हैं. इस दौरान सेंसेक्स 36,000 अंकों के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 11,000 अंकों के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ. बीते सप्ताह पांच कारोबारी सत्र में चार में शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई. साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 983.69 अंकों या 2.73 फीसदी की गिरावट के साथ 35,066.75 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 309.05 अंकों या 2.79 फीसदी की गिरावट के साथ 10,760.60 पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1266.49 अंकों या 7.1 फीसदी की गिरावट रही तथा स्मॉलकैप सूचकांक में 1494.65 अंकों या 7.73 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. 

सोमवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद निवेशकों में उत्साह का माहौल रहा और शेयर बाजार में तेजी रही, क्योंकि इसमें वित्त वर्ष 2018-19 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7-7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. इस दिन सेंसेक्स 232.81 अंकों या 0.65 फीसदी की वृद्धि के साथ 36,283.25 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 60.75 अंकों या 0.55 फीसदी की गिरावट के साथ 11,130.40 पर बंद हुआ. मंगलवार को नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण सेंसेक्स 249.52 अंकों या 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ 36,033.73 पर बंद हुआ और निफ्टी 80.75 अंकों या 0.73 फीसदी की गिरावट के साथ 11,049.65 पर बंद हुआ. 

यह भी पढ़ें: आम बजट-2018 : अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह 10 बातें जानना आपके लिए है जरूरी

बुधवार को बजट के पहले निवेशकों द्वारा सर्तकता बरतने के कारण सेंसेक्स 68.71 अंकों या 0.19 फीसदी की गिरावट के साथ 35,965.02 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 21.95 अंकों या 0.2 फीसदी की गिरावट के साथ 11,027.70 पर बंद हुआ. गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में शेयरों में निवेश करने पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाने की घोषणा की. इसके कारण सेंसेक्स 58.36 अंकों या 0.16 फीसदी की गिरावट के साथ 35,906.66 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 10.80 अंकों या 0.10 फीसदी की गिरावट के साथ 11,016.90 पर बंद हुआ. बजट में एलटीसीजी कर के प्रावधान से निवेशकों में छाई निराशा से शुक्रवार को शेयर बाजारों में तेज गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 839.91 अंकों या 2.34 फीसदी की गिरावट के साथ 35,066.75 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 256.30 अंकों या 2.33 फीसदी की गिरावट के साथ 10,760.60 पर बंद हुआ. इस गिरावट में नकारात्मक वैश्विक संकेतों की भी प्रमुख भूमिका रही.

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे - इंडसइंड बैंक (1.33 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.73 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.51 फीसदी) और एलएंडटी (0.1 फीसदी). सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे - एक्सिस बैंक (7.95 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (0.37 फीसदी), यस बैंक (3.71 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.09 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (6.56 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (5.19 फीसदी), टाटा स्टील (12.91 फीसदी), एनटीपीसी (3.84 फीसदी), मारुति सुजुकी इंडिया (2.98 फीसदी), टाटा मोटर्स (4.04 फीसदी) और बजाज ऑटो (1.83 फीसदी)।सरकार ने बजट 2018-19 में शेयरों में निवेश से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पर मिलने वाली छूट हटा दी है. अब एक साल बाद शेयर बेचने पर अगर एक लाख रुपये का मुनाफा होता है तो इस पर 10 फीसदी कर चुकाना होगा.

यह भी पढ़ें: आम बजट की घोषणाओं के बाद आज शेयर बाजार हुआ लाल, सेंसेक्स 550 और निफ्टी 150 अंक से नीचे गिरा

अभी एक साल से कम समय में शेयर बेचने पर 15 फीसदी का अल्पकालिक पूंजी लाभ कर देना होता है. यह यथावत है. इस नए कर से सरकार को 36,000 करोड़ रुपये की आय होगी. व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर पर दो फीसदी प्राथमिक शिक्षा सेस और एक फीसदी उच्च शिक्षा सेस की जगह चार फीसदी स्वास्थ्य और शिक्षा सेस लगाया गया है. इससे प्राप्त रकम का उपयोग गरीबी रेखा से नीचे तथा ग्रामीण परिवारों की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य पर किया जाएगा. इसी प्रकार सभी सीमा शुल्क पर 10 फीसदी समाज कल्याण सरचार्ज लगाया गया है, जो आयातित सामानों पर शिक्षा सेस की जगह लाया गया है. अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार का जोर अगले वित्त वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम आजीविका के मौके मुहैया कराना है, इसलिए आजीविका, कृषि और उससे संबंद्ध गतिविधियों तथा ग्रामीण इलाकों में अवसरंचना निर्माण पर ज्यादा खर्च किए जाएंगे. 

यह भी पढ़ें: बाजार उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा बजट, सेंसेक्स 58 अंक टूटा

उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2018-19 में, ग्रामीण इलाकों में आजीविका और अवसरंचना सृजन पर विभिन्न मंत्रालयों द्वारा कुल 14.34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें 11.98 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय और गैर-बजटीय संसाधन शामिल हैं. इस व्यय से कृषि गतिविधियों और स्वरोजगार में रोजगार पैदा होने के अलावा 321 करोड़ मानव दिवस, 3.17 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें, 51 लाख नए ग्रामीण घर, 1.88 करोड़ शौचालय बनाए जाएंगे, और 1.75 नए घरेलू बिजली कनेक्शन मुहैया कराए जाएंगे." श्रमिक कल्याण के तहत, नए कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि में सरकारी योगदान सभी सेक्टरों के लिए अगले तीन सालों तक 8.33 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है.

VIDEO: जानो अपने शेयर बाजार : निवेशकों को मार्केट की समझ होनी चाहिए

रोजगार और विकास को विकास को बढ़ावा देने के लिए अवसंरचना पर अनुमानित बजटीय और अतिरिक्त बजटीय खर्च पिछले साल के 4.94 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,97 करोड़ रुपये कर दिया गया है. व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, भारत के विनिर्माण क्षेत्र में कारोबारी परिस्थितियों में जनवरी में सुधार दर्ज किया गया है, लेकिन इसकी वृद्धि दर में गिरावट आई है. प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली. इसके परिणामस्वरूप, निक्केई इंडिया मैन्युफैक्च रिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) में साल 2017 के दिसंबर में 54.7 फीसदी से गिरकर 52.4 फीसदी हो गया. इस सूचकांक में 50 से अधिक का अंक तेजी का और 50 से कम अंक गिरावट का सूचक है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT