ADVERTISEMENT

स्काईमेट का अनुमान, मॉनसून सामान्य रहेगा

साल 2018 के लिए पूरे भारत में 97 फीसदी के साथ सामान्य मॉनसून की संभावना जताई गई है. निजी मौसम अनुमानकर्ता स्काईमेट ने मंगलवार को अपने कहा कि मध्य भारत में जून व सितंबर के बीच सबसे ज्यादा 108 फीसदी बारिश हो सकती है. इसमें 96 से 104 फीसदी के आंकड़े को सामान्य मॉनसून माना जाता है. 90 फीसदी से कम बारिश को कम माना जाता है और 95 फीसदी से कम को सामान्य से नीचे और 105 से 110 फीसदी के बीच को सामान्य से ऊपर माना जाता है.
NDTV Profit हिंदीIANS
NDTV Profit हिंदी08:13 AM IST, 18 Apr 2018NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

साल 2018 के लिए पूरे भारत में 97 फीसदी के साथ सामान्य मॉनसून की संभावना जताई गई है. निजी मौसम अनुमानकर्ता स्काईमेट ने मंगलवार को अपने कहा कि मध्य भारत में जून व सितंबर के बीच सबसे ज्यादा 108 फीसदी बारिश हो सकती है. इसमें 96 से 104 फीसदी के आंकड़े को सामान्य मॉनसून माना जाता है. 90 फीसदी से कम बारिश को कम माना जाता है और 95 फीसदी से कम को सामान्य से नीचे और 105 से 110 फीसदी के बीच को सामान्य से ऊपर माना जाता है.

स्काईमेट ने अपना क्षेत्रीय वितरण अनुमान देते हुए मध्य भारत में सबसे ज्यादा बारिश का अनुमान जताया. इसमें उत्तर महाराष्ट्र, कोंकण (महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक), विदर्भ, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के हिस्से शामिल हैं. इन अनुमानों में आठ फीसदी कम या ज्यादा के त्रुटि हो सकती है.

मध्य भाग में 15 फीसदी अतिरिक्त बारिश और 10 फीसदी सामान्य से कम व पांच फीसदी सूखे की संभावना है. हालांकि, मौसम मॉडल में पूर्व व पूर्वोत्तर भाग में 95 फीसदी के साथ सबसे कम बरिश की बात कही गई है. इसमें सिर्फ पांच फीसदी अधिक वर्षा की संभावना है.

अनुमान में कहा गया है कि असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा की तुलना में पूर्वी भारत में बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल में अच्छी बारिश हो सकती है. दक्षिण प्रायद्वीप में मौसमी बारिश के करीब 97 फीसदी होने का अनुमान है. इसमें पांच फीसदी अधिक बारिश व 20 फीसदी सामान्य से नीचे बारिश की संभावना है.

स्काइमेट के अनुसार, दक्षिणी राज्यों के कुछ हिस्सों में इस बार कम बारिश होने की संभावना है. अनुमान में कहा गया है कि रायलसीमा, दक्षिण भीतरी कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में बहुत कम बारिश हो सकती है. स्काईमेट के निदेशक महेश पलावत ने आईएएनएस से कहा, "तमिलनाडु, कर्नाटक व रायलसीमा में जुलाई व अगस्त में कम बारिश की संभावना है."

उत्तरपश्चिम क्षेत्र में 99 फीसदी बारिश की संभावना है. पलावत ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली व एनसीआर की तुलना में पहाड़ी राज्य जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड बारिश में महत्वपूर्ण योगदान देंगे."

स्काईमेट के अनुसार, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के इलाकों में मॉनसून के पहुंचने में देरी हो सकती है. इस क्षेत्र में पांच फीसदी अधिक बारिश होने, 20 फीसदी सामान्य से अधिक, 10 फीसदी सामान्य से कम बारिश होने, पांच फीसदी कम बारिश होने और 60 फीसदी सामान्य बारिश होने की संभावना है. साल 2017 में औसत मौसमी बारिश उत्तर पश्चिम भारत में 95 फीसदी, मध्य भारत में 106 फीसदी, दक्षिणी प्रायदीप में 92 फीसदी व उत्तरपूर्व भारत में 89 फीसदी थी.

NDTV Profit हिंदी
लेखकIANS
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT