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अर्थव्यवस्था में सुस्ती बरकरार, महंगाई बढ़ी, उद्योगों की हालत पतली

सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नहीं दिखाई दे रहे। आर्थिक क्षेत्र के जारी ताजा आंकड़े इसका साफ संकेत हैं। औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में गिरावट आई है तो खुदरा महंगाई का आंकड़ा दहाई अंक के करीब पहुंच गया।
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NDTV Profit हिंदी09:42 PM IST, 12 Jul 2013NDTV Profit हिंदी
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सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नहीं दिखाई दे रहे। आर्थिक क्षेत्र के जारी ताजा आंकड़े इसका साफ संकेत हैं। औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में गिरावट आई है तो खुदरा महंगाई का आंकड़ा दहाई अंक के करीब पहुंच गया।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) मई में 1.6 प्रतिशत गिर गया। जो पिछले 11 महीनों में सबसे बड़ी गिरावट रही है। जून के निर्यात आंकड़े भी बड़ी गिरावट लेकर आए हैं। जून में निर्यात 4.6 प्रतिशत गिरा है। दूसरी तरफ खुदरा सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 9.87 प्रतिशत हो गई। मई में यह 9.31 प्रतिशत थी।

माना जा रहा है कि इन आंकड़ों का रिजर्व बैंक की 30 जुलाई को आने वाले मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा पर पड़ना स्वाभाविक है। सुस्त पड़ती औद्योगिक गतिविधियों और बढ़ती खुदरा मुद्रास्फीति के बीच रिजर्व बैंक का काम मुश्किल भरा होगा। केंन्द्रीय बैंक को आर्थिक वृद्धि को सहारा देते हुए मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के बीच संतुलन बिठाना होगा।

बंबई शेयर बाजार शुक्रवार को 282.41 अंक बढ़कर 19,958.47 अंक पर बंद हुआ। इन्फोसिस के उम्मीद से बेहतर परिणाम आने से बाजार में सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों की अगुवाई में तेजी का रुझान रहा। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की मजबूती के साथ 59.56 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। यह रुपये का पिछले दो सप्ताह में सबसे मजबूत स्तर रहा।

हालांकि, जून में निर्यात और आयात दोनों घटने से व्यापार घाटा कम रखने में काफी मदद मिली है। सोना और दूसरी कीमती धातुओं का आयात काफी कम हुआ है। जून में व्यापार घाटा 12.2 अरब डॉलर रहा जो कि एक महीना पहले 20.1 अरब डॉलर रहा था।

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