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स्नैपडील सौदे के लिए सॉफ्टबैंक को मिली नेक्सस की मंजूरी

स्नैपडील में सबसे बड़ी अंशधारक सॉफ्टबैंक ने पिछले ही महीने संस्थापकों और कलारी से इस संबंध में मंजूली ले ली थी.
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NDTV Profit हिंदी10:45 AM IST, 12 May 2017NDTV Profit हिंदी
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जापान के सॉफ्टबैंक को आखिर स्नैपडील को भारत की सबसे बड़े ई-वाणिज्यि कंपनी फ्लिपकार्ट को बेचने के लिए सह-निवेशक नेक्सस वेंचर पार्टनर्स (एनवीपी) की मंजूरी मिल गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

स्नैपडील में सबसे बड़ी अंशधारक सॉफ्टबैंक ने पिछले ही महीने संस्थापकों और कलारी से इस संबंध में मंजूली ले ली थी. हालांकि, एनवीपी जापानी कंपनी द्वारा सुझाए गए मूल्य पर सहमत नहीं थी और गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कई हफ्तों के दौरान उनके बीच बातचीत चली.

बहरहाल, मामले की जानकारी रखने वालों के अनुसार सॉफ्टबैंक समूह ने बिक्री योजना पर आगे बढ़ने के संबंध में एनवीपी की रजामंदी हासिल कर ली है. उन्होंने बताया कि इसी हफ्ते बिक्री संबंधी शर्तों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार स्नैपडील के संस्थापकों को तीन-तीन करोड़ डॉलर मिलेंगे. एनवीपी को करीब आठ करोड़ डॉलर और विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी में हिस्सेदारी मिल सकती है. कलारी को 7-8 करोड़ डॉलर मिलने की संभावना है. वैसे स्नैपडील, सॉफ्टबैंक, एनवीपी और कलारी को इस संबंध में भेजे गये ईमेल का कोई जवाब नहीं आया.

उल्लेखनीय है कि सॉफ्टबैंक ने कल कहा था कि उसे वर्ष 2016-17 के दौरान स्नैपडील में उसे अपने निवेश पर एक अरब डॉलर (6,500 करोड़ रुपये) का घाटा हुआ है. यह उतनी ही राशि है जितनी उसने अपने घरेलू मार्केटप्लेस में लगाई थी. नियामकीय जानकारी के मुताबिक सॉफ्टबैंक की वर्तमान में स्नैपडील में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है जबकि नेक्सस की करीब 10 प्रतिशत और कलारी की कंपनी में आठ प्रतिशत हिस्सेदारी है. स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के बीच यदि सौदा हो जाता है तो यह भारतीय ई-वाणिज्य क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिग्रहण सौदा होगा और यह इस क्षेत्र की तस्वीर बदल देगा.

(न्यूज एजेंसी भाषा)

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