दिल्ली की अदालत ने एक उद्यमी की आपराधिक शिकायत पर ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कुणाल बहल तथा दो अन्य को तलब किया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि क्रेता-विक्रेता को ई-प्लेटफॉर्म के जरिये जोड़ने का उसका तरीका स्नैपडील और उसके अधिकारियों ने अनधिकृत रूप हड़प लिया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर के त्रिपाठी ने उद्यमी गौरव दुआ के साथ गठजोड़ करने के नाम पर उनके ‘माल का स्टाक रखे बिना बाजार चलाने का मॉडल’ हड़पने की कथित धोखाधड़ी के लिये स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल, मुख्य परिचालन अधिकारी रोहित बंसल तथा उसके पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) विजय अजमेरा को नोटिस जारी किये है.
न्यायाधीश ने नोटिस जारी करने हुए प्रतिवादियों से 17 मई, 2017 तक जवाब देने को कहा है. दुआ ने संस्थापकों और सीएफओ के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासहनन और आपराधिक साजिश के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज करायी थी. उनकी याचिका को सुनवाई अदालत ने खारिज कर दिया था. उसके बाद उन्होंने सत्र अदालत में याचिका लगायी.
पेशे से इंजीनियर और उद्यमी दुआ की शिकायत के अनुसार उन्होंने ‘मार्केट्सदिल्ली डॉट काम’ के नाम से 1999 और ‘इंडियनरिटेल डॉट नेट’ के नाम 2005 में पोर्टल स्थापित किया और खुदरा समुदाय तक डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचाया. उन्होंने दावा किया है कि देश में खुदरा क्षेत्र में बिना मॉल मार्केटप्लेस मॉडल का विचार उनका था और स्नैपडील अधिकारियों ने उनके साथ गठजोड़ करने और कारोबार के लिये कोष जुटाने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी की.
इस बीच स्नैपडील ने एक बयान में आरोप से इनकार किया है. बयान के अनुसार, ‘‘पुनरीक्षा याचिका में गौरव दुआ ने जो आरोप लगाये हैं, वह पूरी तरह आधारहीन है.’’ बयान में कहा गया है कि इसी वजह से सुनवाई अदालत ने दुआ की याचिका खारिज कर दी थी.