रेल बजट के दिन बंबई शेयर बाजार अपने रिकॉर्ड स्तर से नीचे उतर गया और सेंसेक्स में 518 अंक की जोरदार गिरावट आई। लगभग सभी क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली का दौर चलने से सेंसेक्स में 10 माह की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई। हालांकि रेल बजट में ढांचागत परियोजनाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने का प्रस्ताव है, लेकिन इसके बावजूद बाजार को लाभ नहीं हुआ।
पिछले दो सत्रों में 276.33 अंक की बढ़त दर्ज कर 26,000 अंक के स्तर को पार करने वाला बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मुनाफावसूली से 517.97 अंक या 1.98 प्रतिशत टूटकर 25,582.11 अंक पर आ गया। हालांकि कारोबार के दौरान इसने 26,190.44 अंक का रिकॉर्ड स्तर भी छुआ।
इससे पहले 3 सितंबर, 2013 को सेंसेक्स में 651 अंक की गिरावट आई थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी मुनाफावसूली से 163.95 अंक या 2.11 प्रतिशत की गिरावट से 7,623.20 अंक पर आ गया। हालांकि, कारोबार के दौरान यह 7,800 अंक का स्तर पार कर एक समय 7,808.85 अंक तक गया। पिछले दो सत्रों में निफ्टी में 72 अंक का लाभ दर्ज हुआ था।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में 28 में नुकसान रहा। भेल के शेयर में 8.16 प्रतिशत, एनटीपीसी में 5.36 प्रतिशत, टाटा पावर में 5.04 प्रतिशत, कोल इंडिया में 4.96 प्रतिशत की गिरावट आई। ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, गेल, एसबीआई, एक्सिस बैंक, बजाज आटो, डॉ रेड्डीज लैब, हीरो मोटोकार्प, टाटा स्टील व हिंडाल्को के शेयरों में भी नुकसान दर्ज हुआ।