देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाह देश की कंपनियों द्वारा जारी होने वाले मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के परिणाम पर टिक जाएगी। बाजार सोमवार को बकरीद के अवसर पर बंद रहेगा।
आगामी सप्ताहों में विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।
मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के लिए कंपनियों के वित्तीय परिणाम का जारी होने का दौर अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा। शुक्रवार 10 सितंबर को इंफोसिस के परिणाम जारी होंगे। परिणाम जारी करने का दौर मध्य नवंबर तक चलेगा।
सरकार शुक्रवार को ही अगस्त महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी। औद्योगिक उत्पादन विकास दर जुलाई में 0.5 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि जून में यह दर 3.9 फीसदी थी।
अगले सप्ताह मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) अपनी ताजा 'विश्व आर्थिक परिदृश्य' में 2014-15 में वैश्विक आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान में संशोधन कर सकती है। नकारात्मक संशोधन का शेयर बाजारों पर भी नकारात्मक असर देखा जा सकता है। निवेशकों की निगाह 10-12 अक्टूबर को वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक समूह की संयुक्त सालाना बैठक पर भी रहेगी।