कर्ज में डूबी एयर इंडिया में से 51 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप द्वारा खरीदे जाने की संभावनाओं और अटकलों के बीच भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा है कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया का निजीकरण होता है, तो एयरलाइन में हिस्सेदारी लेने के लिए टाटा से उपयुक्त कोई नहीं होगा.
सरकार कर्ज के बोझ से दबी इस विमानन कंपनी के पुनरोद्धार के लिए तरीके ढूंढ रही है. समझा जाता है कि टाटा समूह ने एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेने की इच्छा जताई है. एयर इंडिया अभी सरकार से मिले पैकेज के बल पर चल रही है. लंबे समय से यह एयरलाइन घाटे में चल रही है और इसको लेकर कई सुझाव आ रहे हैं. नीति आयोग ने तो एयरलाइन के पूर्ण निजीकरण का सुझाव दिया है. हालांकि, नागर विमानन मंत्रालय ने इस राष्ट्रीय एयरलाइन के निजीकरण के प्रस्ताव पर चिंता जताई है. सरकार इसे फिर से बेहतर स्थिति में लाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है.
सरकार की ओर से टाटा ग्रुप के हिस्सेदारी लेने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय एयर इंडिया को अपने पास ही रखने के पक्ष में है. टाटा ग्रुप के स्पोक्सपर्सन ने एक ईमेल के जवाब में कहा- हम ऐसे मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करते.
(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट)