प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडियन' पहल को बड़ा प्रोत्साहन मिला, जब प्रमुख विमान निर्माता कंपनी एयरबस ने अपनी भारतीय आउटसोर्सिंग को दो अरब डॉलर तक बढ़ाने की योजना का खुलासा किया और भारत में विनिर्माण की उत्सुकता व्यक्त की।
अपने फ्रांस दौरे के दूसरे दिन मोदी ने लिली स्थित प्रथम विश्व युद्ध के स्मारक जाकर उन 10,000 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 1914-18 के बीच फ्रांस की तरफ से जर्मनी के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। इस स्मारक पर आने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। शहीदों के स्मारक पर प्रधानमंत्री करीब 50 मिनट तक रहे। इस दौरान वहां जमा हुए भारतीयों ने 'वंदे मारतम' के नारे लगाए।
फ्रांसीसी विदेश मंत्री लॉरेंत फैबियस के साथ मोदी 'एयर इंडिया वन' विमान से यहां पहुंचे और फिर एयरबस के कारखाने का दौरा किया। कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें परिचालन और दूसरी गतिविधियों की जानकारी दी।
एयरबस के ग्रुप सीईओ टाम एंडर्स ने भारतीय प्रधानमंत्री की अगवानी की। उन्होंने कहा, 'तुलूज में प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी कर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं और भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध बनाने की हमारी इच्छा से हमने उन्हें अवगत कराया। हमारी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में भारत पहले ही केंद्रबिंदु है और हम हमारे उत्पादों में इसके योगदान को और बढाना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' आह्वान का समर्थन करते हैं और हम भारत तथा दुनिया के लिए भारत में विनिर्माण को तैयार हैं।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, 'पांच वर्षों में 500 फीसदी की बढ़ोतरी। एयरबस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा: भारतीय आउटसोर्सिंग 40 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर दो अरब डॉलर तक की जाएगी।'
गौरतलब है कि एयरबस भारत में दो अभियांत्रिकी केंद्र पहले ही चला रही है। इनमें से एक नागर विमानन तथा दूसरा रक्षा क्षेत्र पर केंद्रित है। इसके अलावा उसका एक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र भी है। इन केंद्रों में कुल मिलाकर 400 कुशल लोग कार्यरत हैं।
समूह के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इन केंद्रों के विस्तार की इच्छा से अगवत कराया है, ताकि वे कंपनी के भावी कार्यक्रमों में बड़ी जिम्मेदारी ले सकें।
प्रधानमंत्री मोदी कारखाने का दौरा करते हुए एयरबस ए380 बनाने वाली इकाई में गए। एयरबस के बयान में कहा गया है कि समूह भारत में पाइनल एसेंबली लाइन स्थापित करना चाहता है। इसके साथ ही वह भारत में सैन्य परिवहन विमानों तथा हेलीकॉप्टर के लिए बुनियादी ढांचा आदि खड़ा करना चाहता है।
बयान में कहा गया है कि यह भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा तय नीतियों व एपडीआई नीति का पूरी तरह से अनुपालन करते हुए ही होगा।
'एयरबस डिफेंस एंड स्पेस' ने टाटा के साथ मिलकर भारत में आधुनिक सी 295 विमानों के उत्पादन के लिये एक संयुक्त प्रस्ताव सौंपा है। भारतीय वायुसेना के पुराने एव्रो विमानों के स्थान पर नए आधुनिक सी-295 विमानों को शामिल करने के लिए यह प्रस्ताव सौंपा गया है।