उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि किसी साझा खाते से जारी चैक के बाउंस होने पर सभी खाताधारकों के खिलाफ मामला नहीं चलाया जा सकता अगर उन्होंने उसपर हस्ताक्षर नहीं किए।
इस व्यवस्था के अनुसार ऐसे खाते से चैक बाउंस होने पर केवल उसी व्यक्ति या धारक के खिलाफ मामला चलेगा जिसने हस्ताक्षर किए हों।
न्यायाधीश पी सतशिवम तथा न्यायाधीश जेएस केहर की पीठ ने कहा ने कहा कि अगर किसी साझा खाते से जारी चैक पर सभी खाताधारकों के हस्ताक्षर नहीं होते हैं तो सभी खाताधारकों के खिलाफ अभियोजन नहीं चलाया जा सकता।
इस मामले में वादी महिला ने अपने साझे बैंक खाते से पति द्वारा जारी चैक के बाउंस होने पर जारी सम्मन को चुनौती दी थी। बंबई उच्च न्यायालय ने इस बारे में निचली अदालत द्वारा वादी तथा उसके पति को जारी सम्मन को खारिज करने से इनकार किया था।