नोटबंदी के बाद नकदी जमाओं की जांच कड़ी करते हुए टैक्स विभाग की उन कारोबारी फर्मों पर निगाह है, जिन्होंने नवंबर-दिसंबर में अपनी नकदी ब्रिकी में अचानक उछाल दिखा रखा है. विभाग ने किसी तरह की संभावित टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नकदी ब्रिकी में असामान्य उछाल के हर मामले में संबंद्ध कंपनी, उप्रकम या कारोबारी फर्म के पिछले महीनों के आंकड़ों से मेल किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कारोबारी ब्रिकी के नाम पर कालेधन को सफेद करने की कोशिश नहीं हो.
आयकर अधिकारियों के निशाने पर वे फर्म हैं, जिन्होंने नोटबंदी की घोषणा के बाद अपनी नकदी ब्रिकी या भंडार खरीद में अचानक उछाल दिखाया है. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की और 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया.
अधिकारी के अनुसार ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें फर्मों ने ब्रिकी में बढ़ोतरी या भंडार बेचने का हवाला देते हुए ऊंचा टैक्स जमाया करवाया. अधिकारी अब ऐसी फर्मों के नकदी लेनदेन का उनके साल के सामान्य कारोबार से मेल करेंगे. इस तरह की फर्मों की मासिक ब्रिकी आदि के आंकड़ों को देखा जाएगा. अधिकारियों के अनुसार इस पहल का उद्देश्य यही है कि नोटबंदी के दौरान कोई कंपनी कारोबार ब्रिकी की आड़ में कालेधन को सफेद नहीं कर पाए.
(इनपुट भाषा से)