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7000 से अधिक जानबूझकर कर्ज न उतारने वालों पर सरकारी बैंकों का 59,000 करोड़ रु बकाया

सरकारी बैंकों का करीब 59,000 करोड़ रुपया 7,035 जानबूझकर चूक करने वालों यानी कर्ज न चुकाने वालों के पास बकाया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ऐसे खाताधारकों की संख्या सबसे अधिक है।
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NDTV Profit हिंदी01:57 PM IST, 18 Oct 2015NDTV Profit हिंदी
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सरकारी बैंकों का करीब 59,000 करोड़ रुपया 7,035 जानबूझकर चूक करने वालों यानी कर्ज न चुकाने वालों के पास बकाया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ऐसे खाताधारकों की संख्या सबसे अधिक है।

एसबीआई और इसके पांच सहयोगी बैंकों के ऐसे डिफॉल्टर्स संख्या 1,628 है जिनके पास 31 मार्च, 2015 तक 16,834 करोड़ रुपये बकाया है।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के जानबूझकर चूक करने वालों की संख्या 722 है जिसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (643) और केनरा बैंक (612) का स्थान है। कुल राशि के लिहाज से राष्ट्रीयकृत बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक का स्थान पहला है जिसके 410 खातों में 7,282.25 करोड़ रुपये का बकाया है।

पिछले वित्त वर्ष के अंत तक पीएनबी के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का स्थान है जिसका बकाया कर्ज 4,428.62 करोड़ रुपये है। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के 382 खातों पर 3,877.44 करोड़ रुपये का बकाया है। जहां तक यूको बैंक का सवाल है कि उसके 594 खातों पर 3,677.08 करोड़ रुपये बकाया है।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे 75 प्रतिशत मामलों में बैंकों ने वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित के प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम के तहत बैंकों ने कार्रवाई शुरू की है।

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