पेट्रोल-डीज़ल पिछले 16 दिनों से लगातार महंगा होता जा रहा है लेकिन सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स घटाने को तैयार नहीं है. पेट्रोल डीज़ल पर सब्सिडी ख़त्म करने की सिफ़ारिश 8 साल पहले मशहूर अर्थशास्त्री किरीट पारीख़ ने की थी.
पारीख़ के सुझाव का ही असर था कि धीरे-धीरे ये सब्सिडी ख़त्म हुई. अब 2018 में तेल संकट पर किरीट पारीख़ नया फॉर्मूला लेकर आए हैं.
एनडीटीवी से बातचीत में किरीट पारीख़ ने कहा 'भारत सरकार तेल पर एक्साइज़ डयूटी एक रूपया घटाए, दिल्ली सरकार 4% वैट कम करे तो पेट्रोल चार रूपया तक सस्ता हो सकता है.' पारीख का ये भी सुझाव है कि एलपीजी सिलिंडर पर अमीरों को सब्सिडी बंद की जाए.
एनडीटीवी ने जब उनसे पूछा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर एक रूपया एक्साइज़ ड्यूटी घटाने से सरकार को करीब 13,000 करोड़ रूपये का राजस्व का नुकसान होगा तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार अगर अमीरों को एलपीजी सब्सिडी पूरी तरह से बंद कर दे तो इस नुकसान की भरपाई हो जाएगी. पारीख के मुताबिक करीब 30% लोग अब भी भारत में हैं जिन्हें एलपीजी सब्सिडी की ज़रूरत नहीं है लेकिन वे इसका लाभ उठा रहे हैं.
उधर मंगलवार को पेट्रोल के दाम लगातार सोलहवें दिन बढ़ गए. दिल्ली में 14 मई, 2018 को पेट्रोल की कीमत 74.80 रुपये प्रति लीटर थी जो 29 मई, 2018 को बढ़कर 78.43 प्रति लीटर हो गई. यानी 3.63 रुपये लीटर की बढ़ोत्तरी (4.85%) हुई.
यही हाल डीज़ल की कीमतों का भी रहा. 16 दिन में डीज़ल तीन रुपये लीटर से भी ज़्यादा महंगा हो गया. दिल्ली में डीजल 14 मई, 2018 को 66.14 रुपये लीटर था जो 29 मई, 2018 को बढ़कर 69.39 रुपये लीटर हो गया यानी
3.25 रुपये लीटर की बढ़ोत्तरी (4.92%) हुई.
इधर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दाम भी कुछ नरम पड़े हैं. सरकार को अब आने वाले दिनों में तेल के दाम और गिरने का इंतज़ार है.