अगर आप 10 लाख रुपये से ऊपर की कार खरीदना चाहते हैं तो अब आपको एक प्रतिशत अधिक देना होगा और वह भी कर के रूप में आपके बिल में जुड़ जाएगा। यह इसलिए होगा क्योंकि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए इस सेस को लागू करने का ऐलान किया था। यह अतिरिक्त कर कार विक्रेता द्वारा लिया जाएगा और यह एक्स शोरूम कीमत पर देय होगा।
यह राहत भरा है ऐसे
कुछ लोगों की राय में यह राहत भरा कर होगा। इसके पीछे कारण यह है जो लोग अपना टैक्स रिटर्न भरते हैं और कर अदायगी करते हैं उन्हें सरकार की ओर से कुछ लाभ भी दिया जाएगा। यानी जो लोग टैक्स भरते हैं और महंगी कार खरीदते हैं, ऐसे लोगों को कार खरीदते समय भले ही अतिरिक्त कर जमा करना होगा, लेकिन कार विक्रिता से उन्हें एक नंबर दिया जाएगा और वह नंबर वे अपने आयकर रिटर्न में भरेंगे, जिससे यह चुकाया गया कर उन्हें वापस मिल जाएगा।
कुछ दिनों के लिए ब्लॉक हो जाएगा रुपया
हां, यह जरूर है कि यह कर के रूप में दिया गया रुपया कुछ दिनों के लिए ब्लॉक हो जाएगा। सवाल उठता है कि सरकार को इससे क्या लाभ होगा। इसके पीछे के कारण को साफ करते हुए सरकार ने कहा है कि तमाम लोगों ऐसे हैं जो महंगी कारें खरीदते हैं, लेकिन कर नहीं देते। कई लोग आयकर रिटर्न नहीं भरते हैं। ऐसे में वे महंगी कारों का आनंद तो पूरा लेते हैं, लेकिन सरकार को जनहित के काम के लिए पैसा देना नहीं चाहते हैं। ऐसे लोगों पर नकेल लगाने के लिए सरकार ने यह योजना आरंभ की है। सरकार को उम्मीद है कि इस कर के माध्यम से वह 3000 करोड़ रुपये अतिरिक्त एकत्र कर पाएंगे, जिन्हें जनहित के काम में इस्तेमाल किया जा सकेगा।