अगर आपने भी रिलायंस जियो की मुफ्त पेशकश का फायदा उठाने के लिए उसका सिम लिया था तो आपको याद ही होगा कि उसके लिए आपको आधार नंबर देना पड़ा था. अगर दूरसंचार नियामक ट्राई की अनुमति मिली और उसके सुझाव मान लिए गए तो किसी शहर में बाहर से आने वाले लोगों को नया कनेक्शन लेने के लिए अपना आधार नंबर देना होगा.
ट्राई किसी सेवा क्षेत्र में कनेक्शन हासिल करने के लिए बाहरी ग्राहक को आधार आधारित ईकेवाईसी के इस्तेमाल की अनुमति का सुझाव दे सकता है. इसके साथ ही नियामक यह भी सुझाव दे सकता है कि देश में मौजूदा मोबाइल ग्राहकों को आधार आधारित ईकेवाईसी सत्यापन को प्रोत्साहित किया जाए और दूरसंचार सेवा प्रदाता इसके लिए नि:शुल्क डेटा व टॉकटाइम जैसे प्रोत्साहनों की पेशकश कर सकते हैं.
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा ग्राहकों के आधार आधारित ईकेवाईसी से ग्राहकों का उचित सत्यापन सुनिश्चित होगा और सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को दूर करने में मदद मिलगी. उन्होंने कहा कि ईकेवाईसी के जरिए सत्यापन को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता लेकिन मौजूदा ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए कोई उचित कार्यक्रम बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि किसी सर्किल विशेष में बाहर से आने वाले उपयोक्ताओं को सिम खरीदने के लिए ईकेवाईसी की अनुमति नहीं देना अपने आप में एक बाधा है. ट्राई इसे हटाने का सुझाव दे सकता है.
(इनपुट भाषा से...)