भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि वह भविष्य में आधार डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल कर सकता है. यूआईडीएआई ने कहा कि लोगों का एक वर्ग काल्पनिक डर दिखाकर इस राष्ट्रीय पहचान कार्यक्रम को विफल करना चाहता है.
यूआईडीएआई ने बयान में आज प्रकाशित मीडिया रपटों पर स्पष्टीकरण देते हुए उच्चतम न्यायालय में प्राधिकरण के वकील राकेश द्विवेदी के बयान पर स्थिति साफ करने का प्रयास किया. रपटों में कहा गया है कि यूआईडीएआई के वकील राकेश द्विवेदी ने कल उच्चतम न्यायालय में कहा कि गूगल आधार को विफल करने का प्रयास कर रहा है, जो सही नहीं है.
यूआईडीएआई ने कहा, वरिष्ठ अधिवक्ता द्विवेदी ने कहा था कि जहां तक गूगल, फेसबुक या ट्विटर का सवाल है, उनकी तुलना आधार से नहीं की जा सकती. सूचना की प्रकृति भिन्न है. साथ ही दोनों में भिन्न एल्गोरिथम का इस्तेमाल किया जाता है.