रीयल्टी कंपनी यूनिटेक ने कहा है कि वह नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर के अपने संयुक्त उद्यम यूनिनॉर से अपनी पूरी हिस्सेदारी समाप्त करेगी। कंपनी ने कहा है कि वह यूनिटेक और टेलीनॉर के संयुक्त उद्यम यूनिनॉर से अपनी सारी हिस्सेदारी समाप्त कर दोनों कंपनियों के बीच सभी विवादों का निपटारा कर लेगी।
नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर, यूनिटेक के साथ संयुक्त उद्यम को यूनिनॉर को समाप्त करना चाहती है और अपने नए परिचालन लाइसेंस हासिल करने के लिए अपने दूरसंचार कारोबार को अलग करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किए गए कुल 122 लाइसेंस में इस संयुक्त उद्यम के भी 22 लाइसेंस रद्द हो गए थे। इसके बाद संयुक्त उद्यम में शामिल दोनों कंपनियों ने एक-दूसरे के खिलाफ न्यायालय एवं कंपनी लॉ बोर्ड में मामला दर्ज कराया था। इस संयुक्त उद्यम में टेलीनॉर की हिस्सेदारी 67.25 प्रतिशत, जबकि यूनिटेक की हिस्सेदारी 32.75 प्रतिशत है।
यूनिटेक ने एक बयान में कहा, टेलीनॉर और यूनिटेक ने 10 अक्टूबर, 2012 को आपसी विवादों को समाप्त करने के लिए दोनों कंपनियों के बीच सहमति बनी है और दोनों कंपनियां इस समझौते की घोषणा करते हुए खुश हैं। समझौते के मुताबिक यूनिटेक और टेलीनॉर संयुक्त रूप से अपनी हिस्सेदारी को यूनिटेक वायरलेस को सौंपने को राजी हो गए हैं। यूनिटेक वायरलेस का परिचालन यूनिनॉर बोर्ड द्वारा किया जाएगा, जबकि इसकी नई हिस्सेदारी टेलीनॉर के पास होगी।
बयान में कहा गया है, कारोबारी हस्तांतरण और स्पेक्ट्रम आवंटन के इस फैसले के बाद दोनों कंपनियों के सभी आपसी विवाद स्वत: ही समाप्त माने जाएंगे। इसमें कहा गया है कि टेलीनॉर के साथ सभी विवाद समाप्त होने के बाद यूनिटेक समूह शेयरधारकों के हित में फिर से अपने मूल कारोबार में ध्यान लगाएगी और पूरे देश में फिर से जमीन की खरीद शुरू करेगी।
यूनिटेक के चेयरमैन रमेश चंद्रा ने कहा, हम यूनिटेक और टेलीनॉर के बीच सभी विवाद समाप्त होने से खुश हैं। टेलीनॉर के साथ सभी विवाद समाप्त हो गए हैं और उसने यूनिनॉर से अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी समाप्त कर ली है। नई कंपनी का नियंत्रण टेलीनॉर के पास होगा।